श्रीनगर/रायपुर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने गुपकार रोड स्थित अब्दुल्ला हाउस में 'दास्तानें कश्मीर' पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक रायपुर के लेखक दंपती शिव और कविता ग्वालानी द्वारा लिखी गई है, जिसमें कश्मीर की साझी संस्कृति, मोहब्बत और इंसानियत की कहानियों को दर्ज किया गया है।
कार्यक्रम में नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रोविन्शनल प्रेसिडेंट शौकत मीर भी मौजूद रहे। फारूक अब्दुल्ला ने पुस्तक को "कश्मीरियत की जीवंत मिसाल" बताते हुए कहा, "यह किताब दोस्ती, प्रेम और भाईचारे की गवाही देती है। इसमें वह कश्मीर दिखता है, जो सदियों से सांप्रदायिक सौहार्द और मेल-जोल का प्रतीक रहा है।"
आतंकी हमले में शहीद खच्चर चालक के घर पहुंचे ग्वालानी दंपती
विमोचन के बाद ग्वालानी दंपती ने पहलगाम के असनकम हापतनार्ड गांव पहुंचकर हाल ही में आतंकी हमले में शहीद हुए खच्चर चालक आदिल हुसैन के परिजनों से मुलाकात की। आदिल हुसैन ने हमले के दौरान पर्यटकों की जान बचाने की कोशिश करते हुए अपनी जान गंवा दी थी।
गांव में ग्वालानी दंपती की उपस्थिति ने लोगों को भावुक कर दिया। आदिल के पिता की आंखों से आंसू तब निकल पड़े जब उन्हें पता चला कि इतनी दूर से आए लोग उनके बेटे को श्रद्धांजलि देने आए हैं। उन्होंने कहा, "हमने तो सोचा था कि आदिल को कोई याद नहीं करेगा, लेकिन आज हमें गर्व महसूस हो रहा है।"
कश्मीरी जनता ने किया ग्वालानी दंपती का सार्वजनिक सम्मान
इस अवसर पर कश्मीर इकॉनॉमिक्स अलायंस ने डल लेक के होटल शहंशाह में ग्वालानी दंपती का सम्मान किया और उनकी पुस्तक के लिए शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में स्थानीय लोगों और बुद्धिजीवियों ने भी भाग लिया।
शिव ग्वालानी ने कहा, "आदिल हुसैन ने जो किया, वह असली देशभक्ति है। उन्होंने न सिर्फ इंसानियत को जिंदा रखा, बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम की। हमारी किताब 'दास्तानें कश्मीर' भी उसी जज़्बे को दर्शाती है, जिसकी आज भारत को सख्त ज़रूरत है।"
यह कार्यक्रम न सिर्फ एक किताब के विमोचन तक सीमित रहा, बल्कि इसमें कश्मीरियत, इंसानियत और राष्ट्रीय एकता की भावनाओं को सजीव रूप में अनुभव किया गया।