रतनपुर-पेंड्रा रोड:
370 करोड़ की लागत से बन रहा रतनपुर से पेंड्रा रोड तक का 82 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) आम जनता के लिए परेशानी का कारण बन गया है। निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि निर्माण एजेंसी की लापरवाही के चलते लोगों को रोजाना मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
सबसे बड़ी शिकायत यह है कि सड़क निर्माण के दौरान सर्विस रोड नहीं बनाई गई, जिससे स्थानीय रहवासियों, व्यापारियों और स्कूली बच्चों को उखड़ी हुई, कीचड़ भरी और गड्ढों से जर्जर सड़कों से होकर गुजरना पड़ रहा है। खासकर बारिश के इस मौसम में हालात और भी खराब हो गए हैं।
स्थानीय लोगों की पीड़ा:
स्थानीय निवासी संदीप शुक्ला ने बताया कि भारी बारिश के बाद सड़क पर कीचड़ और गड्ढों के कारण वाहन चालकों को फिसलने का खतरा बना रहता है। स्कूली बच्चों का पैदल आना-जाना भी अब जोखिम भरा हो गया है।
व्यापारियों का कहना है कि खराब सड़कों के चलते उनका रोज़ का कामकाज प्रभावित हो रहा है। सब्ज़ी और अन्य सामान ले जाने वाली गाड़ियां अक्सर कीचड़ में फंस जाती हैं, जिससे समय की बर्बादी के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।
महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग की बदहाली:
यह मार्ग बिलासपुर को जीपीएम (गौरेला-पेंड्रा-मरवाही) होते हुए मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश से जोड़ता है। इस वजह से यह सड़क न केवल स्थानीय बल्कि अंतरराज्यीय यातायात के लिए भी अहम है। प्रतिदिन हजारों लोग इस रास्ते से सफर करते हैं, लेकिन गड्ढों और जलभराव के कारण उनकी यात्रा परेशानीभरी हो गई है।
जनता की मांग:
स्थानीय नागरिकों की मांग है कि जब तक सड़क पूरी तरह से नहीं बन जाती, तब तक निर्माण एजेंसी कम से कम गड्ढों में मुरुम और गिट्टी डलवाए, जिससे पानी जमा न हो और आवाजाही में थोड़ी राहत मिले। साथ ही सर्विस रोड का निर्माण तुरंत शुरू किया जाए ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
प्रशासन और एजेंसी से जवाब की उम्मीद:
लोगों को उम्मीद है कि संबंधित विभाग और निर्माण एजेंसी इस गंभीर समस्या पर जल्द ध्यान देंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे। यदि जल्द ही सुधार नहीं हुआ, तो स्थानीय लोग आंदोलन करने पर भी विचार कर रहे हैं।
यह मामला न केवल अव्यवस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि विकास कार्यों में अगर जनहित को नजरअंदाज किया गया, तो वह खुद एक बड़ी समस्या बन सकता है।