रायपुर, 30 जून 2025।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में सोमवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की अहम बैठक में कई बड़े और जनहितैषी निर्णय लिए गए। कैबिनेट की इस बैठक में किसानों, शासकीय कर्मचारियों, युवाओं और व्यापारियों से जुड़ी योजनाओं को स्वीकृति दी गई। साथ ही छत्तीसगढ़ को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए।
कृषक उन्नति योजना का विस्तार
अब तक केवल धान की फसल तक सीमित कृषक उन्नति योजना को अब दलहन, तिलहन और मक्का जैसी अन्य फसलों तक विस्तारित किया गया है। इससे इन वैकल्पिक फसलों को प्रोत्साहन मिलेगा और किसानों को अधिक लाभ मिलेगा। सरकार की ओर से इन फसलों के लिए भी आदान सहायता राशि दी जाएगी।
पेंशन भुगतान के लिए विशेष फंड
राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त हो रहे शासकीय कर्मचारियों को समय पर पेंशन भुगतान सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ पेंशन फंड के गठन को मंजूरी दी है। इस फंड से भविष्य में पेंशन भुगतान में आने वाली किसी भी वित्तीय बाधा को रोका जा सकेगा।
राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए 'ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड'
राज्य की आर्थिक मजबूती और विकास को बनाए रखने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड की स्थापना का निर्णय लिया गया है। यह फंड राजस्व अस्थिरता और आपात आर्थिक परिस्थितियों में सहारा बनेगा।
लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 को स्वीकृति
कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 को मंजूरी दी है। इसके अंतर्गत राज्य को लॉजिस्टिक हब में बदलने, भंडारण क्षमता बढ़ाने और निर्यात को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है। ड्राई पोर्ट और कंटेनर डिपो की स्थापना के लिए प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।
जन विश्वास विधेयक 2025
सरकार ने कारोबारी माहौल को सुगम बनाने और अनावश्यक आपराधिक मुकदमों को कम करने के लिए जन विश्वास विधेयक 2025 को स्वीकृति दी है। इससे कुछ कानूनों को गैर-अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा और व्यवसायियों को राहत मिलेगी।
रि-डेवलपमेंट योजना के तहत 7 परियोजनाएं मंजूर
राज्य के विभिन्न जिलों में पुराने और अनुपयोगी सरकारी भवनों तथा ज़मीनों के पुनर्विकास के लिए रि-डेवलपमेंट योजना के अंतर्गत 7 नई परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इन स्थानों में शामिल हैं:
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शांति नगर, रायपुर
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बीटीआई परिसर, शंकर नगर, रायपुर
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कैलाश नगर, राजनांदगांव
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चांदनी चौक फेस-2, जगदलपुर
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सिविल लाइन, कांकेर
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क्लब पारा, महासमुंद
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कटघोरा, कोरबा
पदोन्नति के नियमों में राहत
राज्य सरकार ने उच्च श्रेणी पंजीयन लिपिक से उप पंजीयक पद पर पदोन्नति के लिए न्यूनतम सेवा अवधि को 5 साल से घटाकर 2 साल कर दिया है। यह छूट एक बार के लिए दी गई है जिससे योग्य कर्मचारियों को शीघ्र पदोन्नति का अवसर मिल सके।
कैबिनेट के इन निर्णयों को राज्य सरकार के विकासोन्मुखी दृष्टिकोण का परिचायक बताया जा रहा है। किसानों की आय बढ़ाने, आर्थिक स्थिरता बनाए रखने, रोजगार के अवसर बढ़ाने और प्रशासनिक दक्षता लाने के लिए उठाए गए ये कदम आने वाले दिनों में राज्य के समग्र विकास में अहम भूमिका निभाएंगे।