शिवनाथ नदी में अवैध रेत खनन जारी: ननकट्ठी गांव में माफिया का आतंक, प्रशासन बेखबर


 

दुर्ग, 22 जून — दुर्ग जिले में अवैध रेत उत्खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। ननकट्ठी गांव में शिवनाथ नदी के बीचों-बीच रेत माफिया बेरोकटोक रेत निकाल रहे हैं। यह अवैध खनन रात के अंधेरे में अंजाम दिया जा रहा है, और स्थानीय प्रशासन व खनिज विभाग को इसकी भनक तक नहीं है। स्थानीय ग्रामीणों में डर और गुस्सा दोनों का माहौल है, लेकिन माफियाओं के डर से वे खुलकर सामने आने से कतरा रहे हैं।

पुल के पास रेत का जमकर दोहन

ननकट्ठी गांव से होकर गुजरने वाली शिवनाथ नदी के पुल के आसपास माफिया नदी का सीना चीरकर ट्रकों में भर-भरकर रेत निकाल रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार यह सिलसिला कई दिनों से चल रहा है, लेकिन प्रशासनिक निगरानी का पूरी तरह अभाव है।

पूर्व जनपद सदस्य महेश ताम्रकार ने बताया कि, “रात में जब हम गांव की सड़कों पर चलते हैं तो पानी के साथ रेत गिरा हुआ नजर आता है, जिससे अंदाजा होता है कि रात को बड़े पैमाने पर रेत का परिवहन किया गया है।”

ग्रामीण बोले- डर के साए में जी रहे हैं

गांव के मछुआरे हेमंत निषाद ने बताया कि वे मछली पकड़ने के दौरान कई बार रेत भरते ट्रक देख चुके हैं। हालांकि, उन्हें यह नहीं पता कि इस अवैध काम को कौन चला रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि रेत माफिया हथियारों से लैस होते हैं, जिससे ग्रामीणों में भारी दहशत है।

एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हाल के वर्षों में प्रदेश के कई इलाकों में रेत माफिया द्वारा हमले और गोलीबारी की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे गांव में लोग विरोध करने से डरते हैं।

खनिज विभाग का दावा- केवल तीन जगह को मंजूरी

जिला खनिज अधिकारी दीपक मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि ननकट्ठी गांव में कोई भी खनन परमिट नहीं दिया गया है। जिले में केवल आमटी, करहीडीह और कोटनी क्षेत्रों में वैध उत्खनन की अनुमति है। उन्होंने कहा, "ननकट्ठी में रात में जो खनन हो रहा है, वह पूरी तरह अवैध है। विभाग को इसकी कोई जानकारी नहीं थी।"

कलेक्टर बोले- शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई

दुर्ग कलेक्टर अभिजीत सिंह ने बताया कि अब तक उनके पास अवैध खनन को लेकर कोई औपचारिक शिकायत नहीं आई है। उन्होंने कहा, "यदि कोई शिकायत आती है तो खनिज विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वे तुरंत मौके पर जाकर जब्ती और दंडात्मक कार्रवाई करें।"

सवालों के घेरे में प्रशासनिक निगरानी

इस पूरे मामले ने जिला प्रशासन की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर जहां खनिज विभाग परमिशन नहीं देने की बात कह रहा है, वहीं दूसरी ओर माफिया दिन-रात रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं और प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है।

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