छत्तीसगढ़ के खेल इतिहास में एक नई शुरुआत हुई है। भारतीय कयाकिंग-कैनोइंग संघ और छत्तीसगढ़ कयाकिंग-कैनोइंग संघ के संयुक्त तत्वावधान में पहली बार प्रदेश में पैराकैनो वर्कशॉप का आयोजन किया गया। यह आयोजन रायपुर के बूढ़ापारा तालाब में दो दिनों तक चला, जिसमें प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए 20 दिव्यांग खिलाड़ियों ने भाग लिया।
इस वर्कशॉप के लिए भारतीय संघ की ओर से अर्जुन पुरस्कार विजेता और अंतरराष्ट्रीय पैराकैनो खिलाड़ी प्राची यादव, इंटरनेशनल मेडलिस्ट मनीष कौरव तथा अनुभवी कोच विपिन कुर्मी को विशेष रूप से बुलाया गया था। इन विशेषज्ञों ने खिलाड़ियों को खेल की बारीकियों के साथ-साथ तकनीकी पहलुओं की भी जानकारी दी।
खिलाड़ियों ने दिखाई क्षमता, चयन के लिए लिया एलिजिबिलिटी टेस्ट
वर्कशॉप के दौरान विशेषज्ञों ने खिलाड़ियों को बोट्स में बैठाकर उनके संतुलन व कौशल का एलिजिबिलिटी टेस्ट भी लिया। टेस्ट में सफल खिलाड़ियों को आगे भोपाल के पैरा स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जहां अनुभवी कोच उनकी क्षमता को निखारेंगे।
खास बात यह रही कि अधिकांश खिलाड़ियों ने पहले ही दिन बोट्स में शानदार बैलेंस दिखाया, जिसे देख विशेषज्ञ भी हैरान रह गए। प्राची यादव ने कहा कि "छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने की क्षमता है।" उन्होंने कहा कि बोट्स को बैलेंस करना आसान नहीं होता, लेकिन खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया।
खेल मंत्री ने बढ़ाया हौसला, नई बोट्स का भी ट्रायल
वर्कशॉप के दौरान खेल मंत्री टंकराम वर्मा भी पहुंचे। उन्होंने खिलाड़ियों से संवाद कर उनका मनोबल बढ़ाया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस अवसर पर एसोसिएशन द्वारा खरीदी गई दो नई बोट्स का ट्रायल भी कराया गया, जिसमें खिलाड़ियों ने उत्साह के साथ भाग लिया।
चोट से बचाव पर विशेष सेशन, राज्यपाल से भी मिला सम्मान
वर्कशॉप के अंत में खिलाड़ियों के लिए एक विशेष सेशन का आयोजन कर खेल के दौरान चोट से बचने के उपाय बताए गए। यह सत्र डॉ. प्रशांत सिंह रघुवंशी ने लिया। वहीं, वर्कशॉप के समापन अवसर पर अर्जुन अवॉर्डी प्राची यादव, मनीष कौरव और प्रशिक्षक विपिन कुर्मी ने राज्यपाल रमेन डेका से मुलाकात की। राज्यपाल ने सभी का सम्मान पौधा भेंट कर किया और उनके प्रयासों की सराहना की।
इस पूरे कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के सचिव डॉ. विक्रम सिंह सिसोदिया, प्रदेश पैरा कयाकिंग संघ के चेयरमैन डॉ. प्रशांत सिंह रघुवंशी, मुरली शर्मा, मोहम्मद अकरम खान और डॉ. नवीन बाफना समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
छत्तीसगढ़ में पैराकैनो की नई लहर
वर्कशॉप के सफल आयोजन के बाद अब उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ से जल्द ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैराकैनो खिलाड़ी उभरेंगे। खिलाड़ियों का जज्बा और खेल के प्रति समर्पण इस बात का संकेत है कि छत्तीसगढ़ पैराकैनो में भी अपनी पहचान बनाएगा।