रायपुर। राजधानी स्थित श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के करीब 5000 पैरामेडिकल विद्यार्थियों का भविष्य अनिश्चितता में फंस गया है। हाई कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बावजूद इन विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन अब तक नहीं हो सका है। विद्यार्थियों को लगातार इधर-उधर भटकना पड़ रहा है, लेकिन समाधान नहीं निकल रहा।
हाई कोर्ट ने 59 विद्यार्थियों के पक्ष में रजिस्ट्रेशन का आदेश दिया है, जिसे लेकर विवाद गहराता जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि कोर्ट का आदेश सभी विद्यार्थियों पर समान रूप से लागू होना चाहिए। वहीं काउंसिल का कहना है कि हर विद्यार्थी को अलग-अलग आदेश की जरूरत है।
कई पाठ्यक्रम, हजारों छात्र परेशान
श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में बीएमएलटी, डीएमएलटी, डायलिसिस और आप्टोमेट्री जैसे पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इन कोर्सों को 6 अप्रैल 2022 के सरकारी आदेश के तहत अनुमति दी गई थी। अब इन पाठ्यक्रमों का एक बैच पासआउट भी हो चुका है, लेकिन विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन अटका हुआ है।
विद्यार्थियों ने जताया विरोध
बीते मंगलवार को सैकड़ों विद्यार्थी छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार से मिले और अपनी मांग रखी। उन्होंने श्रीफल देकर अनोखे तरीके से विरोध जताया और चेतावनी दी कि यदि जल्द रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, तो कलेक्ट्रेट का घेराव किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ने झाड़ा पल्ला
स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस मामले में सीधे तौर पर खुद को जिम्मेदार मानने से इनकार कर दिया है। चिकित्सा शिक्षा के संचालक डॉ. यूएस पैकरा ने कहा कि यह मामला पूरी तरह पैरामेडिकल काउंसिल से जुड़ा है।
आयुष विश्वविद्यालय ने भी हटाए हाथ
आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीके पात्रा ने भी साफ कहा है कि सर्टिफिकेट कोर्सों की मान्यता उनके विश्वविद्यालय से नहीं दी जाती। इस जिम्मेदारी के लिए राज्य सरकार ने अलग से पैरामेडिकल काउंसिल का गठन कर रखा है।
विश्वविद्यालय का पक्ष
श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के सीपीआरओ राजेश तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय लगातार प्रयास कर रहा है कि विद्यार्थियों को न्याय मिले। हाई कोर्ट का आदेश होने के बावजूद काउंसिल रजिस्ट्रेशन नहीं कर रही है, जिससे विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है।
फंसी है जिम्मेदारी, छात्र परेशान
फिलहाल यह मामला विभागों के बीच जिम्मेदारी तय न होने की वजह से उलझा हुआ है। हजारों विद्यार्थियों का करियर दांव पर है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल रहा। विद्यार्थियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द हल नहीं निकला, तो बड़ा आंदोलन होगा।
