रायपुर: रजिस्ट्री दफ्तरों में सर्वर डाउन से जनता बेहाल, 5 दिन से अटका काम, लोग बोले- व्यवस्था फेल


 

रायपुर, 16 जुलाई। राजधानी रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पंजीयन कार्यालयों की सर्वर संबंधी समस्या ने आम जनता को भारी मुसीबत में डाल दिया है। बीते पांच दिनों से रजिस्ट्री से जुड़े कार्य ठप पड़े हैं, जिसके चलते लोग बार-बार अपॉइंटमेंट लेकर भी खाली हाथ लौट रहे हैं। जनता में इस बात को लेकर भारी नाराजगी है कि डिजिटल युग में भी सरकार आईटी सिस्टम को सुचारु रूप से संचालित नहीं कर पा रही है।

10 जुलाई से शुरू हुई दिक्कत, समाधान नहीं

जानकारी के मुताबिक 10 जुलाई से सर्वर डाउन की समस्या बनी हुई है। राजधानी के प्रमुख पंजीयन कार्यालयों में लोग सुबह से कतार में खड़े हो रहे हैं, लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी रजिस्ट्री नहीं हो रही। लोगों को न तो कोई स्पष्ट जानकारी दी जा रही है और न ही वैकल्पिक समाधान।

लोगों की परेशानी: “ऑफिस छोड़-छोड़कर आ रहे, लेकिन काम नहीं”

बसंत सेठिया, जो कि एक संपत्ति की रजिस्ट्री कराने पहुंचे थे, ने कहा,

“हमें सुबह 10 बजे का अपॉइंटमेंट दिया गया था। अब दोपहर हो गई है लेकिन सर्वर डाउन का हवाला देकर बैठा दिया गया है। कब काम शुरू होगा, कोई कुछ बताने को तैयार नहीं।”

अनिता पाल, जो कि कई दिनों से दस्तावेजों के साथ दफ्तर चक्कर काट रही हैं, कहती हैं,

“पिछले कई दिनों से अपॉइंटमेंट मिल रहा है लेकिन हर बार यही जवाब मिलता है – पहले पेंडिंग केस होंगे। अगर सर्वर ही काम नहीं कर रहा था तो अपॉइंटमेंट क्यों दिया गया?”

हर दिन की हाजिरी, लेकिन कोई समाधान नहीं

रायपुर निवासी नीलमणि, जो अपने दोस्त की रजिस्ट्री में गवाह के रूप में उपस्थित हो रहे हैं, लगातार चार दिनों से आ-जा रहे हैं। उन्होंने कहा,

“अब तक नंबर नहीं आया है। अधिकारी सिर्फ इतना कह रहे हैं कि सर्वर डाउन है। कोई जवाबदेही नहीं, कोई समाधान नहीं।”

आम सवाल – कौन जिम्मेदार?

जनता की ओर से कई सवाल अब प्रशासन से किए जा रहे हैं:

  • अगर सर्वर पहले से डाउन था तो अपॉइंटमेंट क्यों लिए गए?

  • जिनकी रजिस्ट्री दस्तावेजों की वैधानिक समयसीमा में होनी थी, उनका क्या होगा?

  • करोड़ों खर्च करने के बावजूद सरकारी आईटी सिस्टम इतना कमजोर क्यों?

प्रशासन की चुप्पी और जवाबदेही का अभाव

पंजीयन विभाग के अधिकारियों ने सर्वर डाउन की बात को स्वीकार जरूर किया है, लेकिन यह नहीं बताया कि यह समस्या कब तक ठीक होगी। न ही कोई वैकल्पिक प्रक्रिया या मैनुअल रजिस्ट्री की व्यवस्था की गई है।

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