रायपुर, 1 जुलाई 2025 — दक्षिण भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की यात्रा अब छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड के श्रद्धालुओं के लिए पहले से कहीं ज्यादा सरल और सुलभ होने जा रही है। रेलवे बोर्ड ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए "भारत गौरव एक्सप्रेस" ट्रेन शुरू करने का फैसला लिया है। इस विशेष पर्यटक ट्रेन की शुरुआत बिहार के भागलपुर स्टेशन से होगी और यह 12 दिवसीय तीर्थ यात्रा में यात्रियों को तिरुपति, रामेश्वरम, मदुरई, कन्याकुमारी और मल्लिकार्जुन जैसे पवित्र स्थलों के दर्शन कराएगी।
शुभारंभ जल्द, समय सारिणी होगी घोषित
भारतीय रेलवे की पर्यटन इकाई आईआरसीटीसी द्वारा संचालित इस ट्रेन की समय सारिणी जल्द ही जारी की जाएगी। इस दौरान भक्तों को धार्मिक स्थलों की दिव्यता का अनुभव करने का अवसर मिलेगा। ट्रेन का सफर विभिन्न राज्यों को जोड़ते हुए होगा, जिससे रायपुर, बिलासपुर, चांपा, राउरकेला, रांची, बोकारो, धनबाद, जसीडीह समेत दर्जनों स्टेशनों से यात्रियों को चढ़ने और उतरने की सुविधा मिलेगी।
स्लीपर और एसी श्रेणियों में सीटों की व्यापक व्यवस्था
रेलवे अधिकारियों के अनुसार भारत गौरव एक्सप्रेस में कुल 640 स्लीपर क्लास सीटें और 70 तृतीय वातानुकूलित (थर्ड एसी) सीटें रहेंगी। यह ट्रेन पूरी तरह से पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन की गई है, जिसमें भोजन, आवास, दर्शनीय स्थलों की यात्रा और चिकित्सा सुविधाएं शामिल हैं।
यात्रा में मिलेंगी ये विशेष सुविधाएं:
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नाश्ता, दोपहर और रात्रि भोजन
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नॉन-एसी और एसी बसों द्वारा दर्शनीय स्थलों की यात्रा
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डबल व ट्रिपल शेयरिंग पर ठहरने की सुविधा
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ऑनबोर्ड टूर एस्कॉर्ट, हाउसकीपिंग और पैरामेडिकल स्टाफ
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यात्रा के दौरान सुरक्षा के विशेष इंतजाम
बुकिंग प्रक्रिया शुरू, IRCTC के रांची-कोलकाता कार्यालय और एजेंटों से ले सकते हैं टिकट
इस यात्रा के लिए टिकट बुकिंग आईआरसीटीसी के रांची व कोलकाता कार्यालयों के माध्यम से या अधिकृत ट्रैवल एजेंटों से कराई जा सकती है। श्रद्धालु ऑनलाइन माध्यम से भी बुकिंग कर सकते हैं। यात्रा की लागत को किफायती बनाए रखने के लिए रेलवे ने सुविधाओं के अनुसार अलग-अलग श्रेणियों में विकल्प भी दिए हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
रेलवे का यह प्रयास न सिर्फ यात्रियों की आध्यात्मिक जरूरतों को पूरा करेगा बल्कि भारत की सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत करेगा। भारत गौरव ट्रेन का उद्देश्य देशवासियों को अपने ही देश की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत से रूबरू कराना है।
श्रद्धालु जल्द से जल्द अपनी सीट सुरक्षित कर लें, क्योंकि यह यात्रा एक आध्यात्मिक, सस्ती और संगठित तीर्थयात्रा का सुनहरा अवसर लेकर आई है।