बिलासपुर | 2 जुलाई 2025
अमृत भारत योजना के अंतर्गत बिलासपुर रेलवे स्टेशन को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए शुरू किया गया री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट फिलहाल अधर में लटका हुआ है। करीब 392 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट का वर्क ऑर्डर जारी हुए तीन माह बीत चुके हैं, लेकिन अब तक स्टेशन परिसर में कोई ठोस निर्माण कार्य दिखाई नहीं दे रहा है।
ठेकेदार के जेल जाने से प्रोजेक्ट ठप
रेलवे सूत्रों के अनुसार, प्रोजेक्ट का ठेका झाझरिया निर्माण लिमिटेड को दिया गया था। लेकिन कंपनी के डायरेक्टर सुशील झाझरिया पर रिश्वत देने का आरोप लगने के बाद सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने से परियोजना का काम ठप पड़ गया है।
यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन का मुख्य गेट और अन्य हिस्से पहले ही बंद कर दिए गए थे। ऐसे में आधे-अधूरे कार्य के बीच यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। टिकट काउंटर, पूछताछ केंद्र और पीआरएस को दूसरी जगहों पर शिफ्ट कर दिया गया है, जिसकी जानकारी यात्रियों को नहीं होने के कारण वे रोजाना इधर-उधर भटकते नजर आते हैं।
खाली कर दी गई थी पूरी साइट
रेलवे प्रशासन ने 15 मार्च को कंपनी के साथ एग्रीमेंट कर वर्क ऑर्डर जारी किया था। इसके बाद पूरी साइट खाली कर कंपनी को सौंप दी गई थी। प्रारंभिक तौर पर कुछ तोड़फोड़ और सीमित कार्यों की शुरुआत हुई, लेकिन कंपनी के प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद कार्य पूरी तरह से ठप हो गया।
हाईटेक सुविधाओं की थी योजना
प्रोजेक्ट के तहत बिलासपुर रेलवे स्टेशन में:
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1150 से अधिक वाहनों की पार्किंग,
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31 लिफ्ट और 22 एस्केलेटर,
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3 नए फुट ओवरब्रिज,
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1700 वर्ग मीटर का कमर्शियल स्पेस
जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की जानी थीं।
इसके अलावा, प्लेटफॉर्म संख्या 9, 10 और 11 का निर्माण कर आरओआर रूट के माध्यम से ट्रेन मूवमेंट को सीधे उसलापुर की दिशा में लाने की योजना थी।
2028 तक पूर्ण करने की समय-सीमा
निर्माण कार्य को 14 मार्च 2028 तक पूर्ण करना अनिवार्य है। शर्तों के अनुसार यदि ठेकेदार कार्य समय पर पूरा नहीं कर पाता है तो उसे पेनाल्टी का भुगतान करना होगा। वहीं, यदि रेलवे की ओर से किसी कारणवश देरी होती है, तो रेलवे को भी मुआवजा देना पड़ेगा।
स्थिति से अनजान सीपीआरओ ने दिया बयान
रेलवे के सीपीआरओ विपुल विलास राव का कहना है कि "हर स्टेशन की अपनी परिस्थितियां होती हैं। बिलासपुर स्टेशन में भी परिस्थिति अनुसार काम कराया जा रहा है। अभी आउटर काम की प्रक्रिया में है। ठेकेदार पर समय पर काम पूरा करने की शर्त है और नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।"
दुर्ग और रायपुर में बेहतर प्रगति
अमृत भारत योजना के तहत बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग स्टेशनों को री-डेवलप किया जा रहा है। दुर्ग और रायपुर में अब तक 15 से 20 प्रतिशत तक कार्य पूर्ण हो चुका है, लेकिन बिलासपुर सबसे पीछे है, जहां प्रगति शून्य है।
यात्री बोले - "बिना योजना के बंद कर दिया गेट"
स्टेशन आने वाले यात्रियों का कहना है कि बिना समुचित सूचना के मुख्य गेट बंद कर दिए गए हैं। पार्किंग से लेकर काउंटर तक की व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई है। गेट बंद होने के कारण यात्रियों को सामान लेकर काफी दूर तक पैदल चलना पड़ता है, जिससे कई बार ट्रेन छूटने की नौबत आ जाती है।