कोरबा कलेक्टर की सख्ती : फर्जी आयुष्मान क्लेम पर कड़ा रुख, स्वास्थ्य सेवाओं की गहराई से समीक्षा


 

कोरबा, छत्तीसगढ़। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को मजबूत बनाने और फर्जीवाड़े पर लगाम कसने के उद्देश्य से कलेक्टर अजीत वसंत ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में अधिकारियों की मासिक समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की बारीकी से समीक्षा करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

फर्जी क्लेम पर होगी सख्त कार्रवाई

बैठक के दौरान आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत प्राइवेट अस्पतालों द्वारा किए जा रहे फर्जी क्लेम की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने बीएमओ (ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर) को विकासखंड स्तर पर निजी अस्पतालों की निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने सीएमएचओ (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) को भी निर्देशित किया कि प्रत्येक क्लेम की गहराई से जांच की जाए और यदि कोई गड़बड़ी सामने आती है तो संबंधित संस्थान पर तत्काल कार्रवाई की जाए।

बरसात में बढ़ते बीमारियों पर सतर्कता

वर्तमान में चल रहे बरसात के मौसम को देखते हुए कलेक्टर वसंत ने मलेरिया और डेंगू जैसे मौसमी रोगों की रोकथाम के लिए नगर निगम के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वार्ड और पंचायत में फॉगिंग, दवा छिड़काव और जागरूकता अभियान नियमित रूप से चलाया जाए ताकि संक्रमण की संभावना को न्यूनतम किया जा सके।

टीबी और कुष्ठ रोग पर विशेष फोकस

बैठक में टीबी और कुष्ठ जैसे दीर्घकालिक रोगों पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया। कलेक्टर ने निर्देश दिया कि इन रोगों की समय पर पहचान और उपचार सुनिश्चित किया जाए। संबंधित अधिकारियों को गांव-गांव जाकर स्क्रीनिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि मरीजों को समय पर इलाज उपलब्ध हो सके।

प्रसव सुविधाओं पर विशेष ध्यान

स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव सेवाओं की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जहां भी प्रति माह 20 या उससे अधिक प्रसव हो रहे हैं, वहां किसी भी प्रकार की संसाधनों की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने रानी धनराज कुंवर शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला मरीजों की संख्या कम होने पर चिंता जताई और मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने पर बल दिया।

102 एंबुलेंस और एनआरसी की समीक्षा

102 एंबुलेंस सेवा में ईएमटी (आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन) की कमी की जानकारी मिलने पर कलेक्टर ने डीएमएफ (जिला खनिज न्यास निधि) मद से नई नियुक्तियों के निर्देश दिए। इसके साथ ही न्यूट्रीशन रिहैबिलिटेशन सेंटर (एनआरसी) की पूरी क्षमता का उपयोग सुनिश्चित करने की बात कही गई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि संस्थागत कमी के चलते किसी भी नवजात की मृत्यु नहीं होनी चाहिए।

गुणवत्ता और दरों में पारदर्शिता

चिकित्सा उपकरणों की खरीद को लेकर कलेक्टर ने अधिकारियों को चेताया कि गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं हो। एक्स-रे, सोनोग्राफी जैसे उपकरणों की खरीद में वर्तमान बाजार दरों और गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। यदि इसमें अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

विभिन्न योजनाओं की समीक्षा

बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों जैसे वयोवृद्ध स्वास्थ्य शिविर, मलेरिया नियंत्रण, सिकलसेल जांच, टीकाकरण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, और आयुष्मान कार्ड वितरण की प्रगति की समीक्षा की गई। संबंधित अधिकारियों से कहा गया कि वे तय लक्ष्यों के अनुसार कार्य की गति बढ़ाएं और धरातल पर परिणाम सुनिश्चित करें।

जिम्मेदारी और जवाबदेही की चेतावनी

कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारना प्राथमिकता है और इसमें किसी भी अधिकारी की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभागीय कामकाज में पारदर्शिता, तत्परता और संवेदनशीलता अत्यंत आवश्यक है। स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं का लाभ हर अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, यही शासन की मंशा है।

बैठक में जिला पंचायत सीईओ, सीएमएचओ, बीएमओ, नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। समीक्षा बैठक के माध्यम से कलेक्टर अजीत वसंत ने यह स्पष्ट संकेत दे दिया कि अब स्वास्थ्य सेवाओं में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी।

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