बिलासपुर | 22 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का एक युवक मलेशिया में रहस्यमय ढंग से लापता हो गया है। युवक दीपक तंबोली (29), जो करीब डेढ़ महीने पहले नौकरी की तलाश में मलेशिया गया था, तीन दिन से परिजनों से संपर्क में नहीं है। आखिरी बार 18 जुलाई की शाम उसने अपने माता-पिता से बात की थी। इसके बाद से उसका मोबाइल बंद है और सोशल मीडिया या बैंक खाते से भी कोई गतिविधि नहीं हुई है।
दीपक के लापता होने से परेशान परिजनों ने 21 जुलाई को सिटी कोतवाली थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। परिजन अब प्रशासन और विदेश मंत्रालय से बेटे का सुराग लगाने की गुहार लगा रहे हैं।
31 मई को गया था मलेशिया, 30 दिन का वीजा था
परिजनों के मुताबिक दीपक ने बीएससी (कंप्यूटर साइंस) की पढ़ाई की है और पहले दिल्ली के ग्रेटर नोएडा स्थित टाटा कंपनी में कार्यरत था। कोरोना काल में नौकरी छूटने के बाद वह लंबे समय से रोजगार की तलाश में था। इसी सिलसिले में उसने 30 दिन का टूरिस्ट वीजा बनवाकर 31 मई को मलेशिया के लिए रुख किया था और 1 जून को कुआलालंपुर पहुंचा।
दीपक लगातार परिजनों से संपर्क में था और जॉब सर्च करने की बात कहता था। शुरुआत में वह मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर स्थित केयर सेंट्रल पाइंट होटल में ठहरा था। परिजनों ने बताया कि 18 जुलाई को उसने होटल बदलने की बात कही थी और किसी दूसरे गेस्ट हाउस में शिफ्ट होने की बात भी कही। उसी दिन उसने एटीएम से कुछ रुपये निकाले थे, जो उसकी आखिरी बैंकिंग गतिविधि मानी जा रही है।
कॉल के बाद मोबाइल हुआ बंद
दीपक के पिता राजेश तंबोली ने पुलिस को बताया कि 18 जुलाई की शाम करीब 6 बजे दीपक से फोन पर बात हुई थी। उसने अपने सुरक्षित होने की बात कही थी और बताया था कि वह नए ठिकाने पर शिफ्ट हो रहा है। इसके बाद से ही उसका मोबाइल नंबर बंद है और परिजनों की कोई भी कोशिश कामयाब नहीं हो रही। न ही बैंक खाते से कोई लेन-देन हुआ है, न ही सोशल मीडिया पर कोई अपडेट आया है।
घबराए परिजन अब बेटे की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और हर संभव माध्यम से उसे खोजने का प्रयास कर रहे हैं।
पुलिस ने एंबेसी से मांगी मदद
थाना प्रभारी विवेक पांडेय ने बताया कि युवक की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है। पुलिस की ओर से मलेशिया स्थित भारतीय दूतावास (इंडियन एंबेसी) से संपर्क साधा गया है। एंबेसी को ईमेल भेजकर दीपक के बारे में जानकारी मांगी गई है।
साथ ही दीपक के मोबाइल लोकेशन, आखिरी ट्रांजैक्शन, होटल रजिस्ट्रेशन जैसी सूचनाएं भी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है। थाना प्रभारी ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो विदेश मंत्रालय और मलेशियाई पुलिस से भी संपर्क किया जाएगा।
वीजा की अवधि खत्म, अवैध ठहराव की भी आशंका
इस पूरे मामले में एक अहम पहलू यह भी है कि दीपक का वीजा 30 दिन का था, जो 19 दिन पहले ही समाप्त हो चुका है। ऐसे में आशंका यह भी है कि कहीं वह वीजा अवधि खत्म होने के कारण किसी तरह की कानूनी परेशानी में तो नहीं फंस गया।
परिजन इस आशंका को लेकर भी चिंतित हैं और चाहते हैं कि एंबेसी यह पता लगाए कि दीपक को मलेशियाई प्रशासन ने हिरासत में तो नहीं लिया।
5 साल से कर रहा था नौकरी की तलाश
दीपक पिछले करीब 5 सालों से जॉब सर्च कर रहा था। कोविड से पहले वह दिल्ली में कार्यरत था, लेकिन लॉकडाउन के बाद नौकरी छूटने के कारण वह अहमदाबाद चला गया। वहां भी एक महीना रुकने के बाद वह फिर बिलासपुर लौट आया। लंबे समय तक नौकरी न मिलने से वह मानसिक रूप से भी तनाव में था। विदेश जाकर कुछ नया करने की उम्मीद लेकर ही उसने मलेशिया का टिकट कराया था।
परिजनों की गुहार – ‘‘बेटे की सलामती का कोई सुराग मिले’’
दीपक की मां और पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। उनका कहना है कि बेटे से आखिरी बार बात करते हुए वह सामान्य लग रहा था। उन्होंने सरकार और प्रशासन से निवेदन किया है कि दीपक को जल्द से जल्द खोजा जाए और अगर वह किसी मुश्किल में है तो उसकी मदद की जाए।
पुलिस अब एंबेसी की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, ताकि आगे की कार्रवाई की दिशा तय की जा सके। जब तक दीपक का कोई सुराग नहीं मिलता, तब तक यह मामला रहस्य ही बना रहेगा।