छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी पर सियासी घमासान: धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोपों पर केरल से लेकर दिल्ली तक विरोध


 

दुर्ग, छत्तीसगढ़ | 28 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी के बाद सियासत गरमा गई है। ननों पर धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप लगाए गए हैं। इस कार्रवाई को लेकर केरल से लेकर दिल्ली तक विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया है, वहीं भाजपा ने इस मामले को गंभीर मानते हुए कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

घटना का विवरण

25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ननों – सिस्टर वंदना और सिस्टर प्रीति – और एक युवक सुखमन मंडावी को तीन आदिवासी युवतियों के साथ देखा गया। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्टेशन पर एक लड़की को रोते हुए देखकर संदेह के आधार पर ननों और युवक से पूछताछ की। बताया गया कि ये तीनों युवतियों को उत्तर प्रदेश के आगरा ले जा रहे थे, जहां उन्हें नौकरी दिलाने का दावा किया गया।

बजरंग दल ने आरोप लगाया कि यह मामला मानव तस्करी और धर्मांतरण से जुड़ा है। कार्यकर्ताओं के हंगामे के बाद GRP ने सभी को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद दो ननों और युवक के पास से कुछ दस्तावेज, पादरियों के नंबर, 7 नाबालिग लड़कियों की तस्वीरें और तीन आधार कार्ड भी जब्त किए गए।

परिजनों के बयान

युवतियों में से एक की मां बुधिया प्रधान ने मीडिया को बताया कि उन्होंने अपनी बेटी को खुद नौकरी के लिए भेजा था। वहीं युवती के जीजा ने कहा कि उन्होंने पहले ही मना किया था कि किसी पर विश्वास करके ऐसे नहीं जाना चाहिए, लेकिन परिवार ने उनकी बात नहीं मानी। पुलिस के अनुसार, परिजनों ने किसी तरह की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज नहीं कराई थी।

विपक्ष का विरोध

दिल्ली में सोमवार को केरल से विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "छत्तीसगढ़ में 2 कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के कारण निशाना बनाया गया। यह भाजपा-आरएसएस के भीड़तंत्र की मिसाल है और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है। हम चुप नहीं बैठेंगे और इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाएंगे।"

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी घटना की निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में अल्पसंख्यकों को सिस्टेमैटिक रूप से परेशान और बदनाम किया जा रहा है।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने केंद्रीय गृहमंत्री और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है और पूरी तरह से झूठे आरोपों पर आधारित है।

भाजपा का पलटवार

भाजपा नेताओं ने इस मामले पर कांग्रेस पर पलटवार किया है। रायपुर दक्षिण से विधायक और पूर्व सांसद सुनील सोनी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से धर्मांतरण की समर्थक है। उन्होंने कहा कि पिछली भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में धर्मांतरण को बढ़ावा मिला और कांग्रेस ने इसे संरक्षण दिया।

भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस ने वोट बैंक के लिए चर्चों को समर्थन दिया। उन्होंने इस बात का समर्थन किया कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण रोकने के लिए कठोर कानून बनाए जाएंगे।

कांग्रेस की मांग

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच और पूरी कार्रवाई को सार्वजनिक करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस मुद्दे को राजनीतिक एजेंडे के रूप में इस्तेमाल कर रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी भाजपा पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ छत्तीसगढ़ में नहीं, बल्कि पूरे देश में एक खतरनाक ट्रेंड बनता जा रहा है।

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