रायपुर, 28 जुलाई 2025 — छत्तीसगढ़ की बहुचर्चित ग्रामीण औद्योगिक पार्क योजना (रीपा योजना) में सामने आई अनियमितताओं के मामले में शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए कड़ी कार्रवाई की है। रायपुर संभाग आयुक्त महादेव कावरे ने जांच के बाद तीन पंचायत सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही तीन तत्कालीन जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारियों (सीईओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
यह कार्रवाई पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा रीपा योजना में हुई गड़बड़ियों की जांच के आधार पर की गई है। जांच में सामने आया कि कई स्थानों पर मशीनों की खरीदी में न तो तकनीकी परीक्षण हुआ और न ही भंडार क्रय नियमों का पालन किया गया। इतना ही नहीं, कई मामलों में भुगतान भी नियमों के विपरीत टुकड़ों में किया गया, जिससे वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई।
निलंबित पंचायत सचिवों के नाम और आरोप
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शंकर साहू – ग्राम पंचायत बिरकोनी, जनपद पंचायत महासमुंद
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खिलेश्वर ध्रुव – ग्राम पंचायत गिर्रा, जनपद पंचायत पलारी, बलौदाबाजार-भाटापारा
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टीकाराम निराला – ग्राम पंचायत लटुआ, जनपद पंचायत बलौदाबाजार
इन पंचायत सचिवों पर आरोप है कि उन्होंने बिना तकनीकी परीक्षण के मशीनों की खरीदी की, जिससे सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ। साथ ही, भंडार क्रय नियमों की पूरी तरह से अनदेखी की गई। जांच में यह भी पाया गया कि देय राशि का भुगतान एकमुश्त न कर, टुकड़ों में किया गया ताकि प्रक्रिया पर निगरानी कमजोर हो जाए।
कारण बताओ नोटिस जारी किए गए अधिकारी
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रोहित नायक – तत्कालीन सीईओ, जनपद पंचायत पलारी, बलौदाबाजार-भाटापारा
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रवि कुमार – तत्कालीन सीईओ, जनपद पंचायत बलौदाबाजार
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लिखत सुल्ताना – तत्कालीन सीईओ, जनपद पंचायत महासमुंद
संभागायुक्त कावरे ने इन अधिकारियों को नियत अवधि में जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यदि संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया, तो इनके विरुद्ध भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
रीपा योजना की पृष्ठभूमि
छत्तीसगढ़ सरकार ने रीपा (RIPA - Rural Industrial Park) योजना की शुरुआत ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार, प्रशिक्षण और स्थायी आय के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की थी। इसके अंतर्गत राज्यभर के विभिन्न ग्राम पंचायतों में लघु उद्योगों के लिए आधारभूत ढांचा, मशीनरी और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। इस योजना को मुख्यमंत्री की प्राथमिक योजनाओं में से एक माना जाता है।
भ्रष्टाचार से विकास को नुकसान
रीपा योजना को लेकर राज्य सरकार ने करोड़ों रुपये का बजट आवंटित किया है। ऐसे में यदि इसमें भ्रष्टाचार या लापरवाही होती है, तो यह न केवल सरकार की छवि को प्रभावित करता है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और स्थानीय युवाओं के भविष्य पर भी गहरा असर डालता है। यही वजह है कि शासन ने इस मामले में जांच के बाद बिना देरी के कार्रवाई की है।
आगे की प्रक्रिया
रायपुर संभागायुक्त की ओर से की गई यह कार्रवाई पूरे राज्य के लिए एक सख्त संदेश है कि शासन योजनाओं में लापरवाही और अनियमितता को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। जांच की प्रक्रिया अब भी जारी है और संभावना है कि अन्य जिलों में भी ऐसे मामलों की समीक्षा की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और संबंधित विभागों से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे राज्य के सभी रीपा केंद्रों का ऑडिट कराएं और जहां भी गड़बड़ी हो, वहां त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।