रायपुर। जिले के मेडिकल ऑफिसर्स के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक नई पहल की शुरुआत की है। इसके तहत अब हर सप्ताह मेडिकल ऑफिसर्स को 'मेडी गुरू' नामक विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इस ट्रेनिंग का उद्देश्य मेडिकल ऑफिसर्स को समय के साथ बदलती बीमारियों की पहचान, बेहतर इलाज और जनजागरूकता के प्रति प्रशिक्षित करना है।
इस खास ट्रेनिंग प्रोग्राम में देशभर के विशेषज्ञ डॉक्टर ऑनलाइन जुड़ेंगे और अपने अनुभव व जानकारी साझा करेंगे। इस सीरीज की पहली क्लास हाल ही में आयोजित हुई, जिसमें गुरुग्राम के प्रसिद्ध डॉक्टर राहुल भार्गव ने एनीमिया पर विस्तार से चर्चा की।
एनीमिया को बताया गंभीर खतरा
डॉ. राहुल भार्गव ने बताया कि एनीमिया केवल कमजोरी की बीमारी नहीं, बल्कि यह गंभीर स्थिति में जानलेवा भी हो सकता है। उन्होंने बताया कि शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होती है, जिससे थकान, चक्कर आना, सांस फूलना जैसे लक्षण सामने आते हैं। लंबे समय तक इलाज न होने पर यह मृत्यु का कारण भी बन सकता है।
डॉ. भार्गव ने कहा कि आयरन की कमी, किडनी व लीवर रोग, कैंसर, संक्रमण, मलेरिया, विटामिन बी12 और फोलिक एसिड की कमी, सिकल सेल एनीमिया व थैलेसीमिया इसके प्रमुख कारण हैं। उन्होंने मेडिकल ऑफिसर्स को इन स्थितियों की पहचान के तरीके और इलाज की विस्तृत जानकारी दी।
कलेक्टर व स्वास्थ्य अधिकारियों ने की सराहना
इस वर्चुअल ट्रेनिंग में रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह, सीएमएचओ डॉ. मिथिलेश चौधरी और स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया भी शामिल हुए। स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने इस पहल को समय की मांग बताया और कहा कि इससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में बड़ा सुधार आएगा।
सीएमएचओ डॉ. चौधरी ने कहा, "मेडिकल ऑफिसर्स को इस तरह की ट्रेनिंग से विशेष बीमारियों की रोकथाम व उपचार में मदद मिलेगी। यह पहल जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है।"
हर सप्ताह होगी नई ट्रेनिंग
इस पहल के तहत अब हर सप्ताह एक नई हेल्थ टॉपिक पर विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें प्रमुख बीमारियों के लक्षण, उपचार, रोकथाम और मरीजों को जागरूक करने के तरीके शामिल होंगे। विभाग का मानना है कि इससे जिले के ग्रामीण व शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज की गुणवत्ता और तेजी से सुधार होगा।
स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगा नया आयाम
इस अभिनव पहल से मेडिकल ऑफिसर्स का न केवल स्किल डेवलपमेंट होगा, बल्कि मरीजों को भी सटीक और समय पर इलाज मिल सकेगा। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि आने वाले महीनों में इस प्रोग्राम को प्रदेश के अन्य जिलों तक भी विस्तार दिया जाए।
यह ट्रेनिंग पहल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में जागरूकता, सटीक इलाज और मरीजों की सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।