नगपुरा में किसानों की फसलें जलमग्न, अवैध प्लाटिंग से बिगड़ी हालात, चक्काजाम की चेतावनी


 

दुर्ग — जिले के नगपुरा गांव में लगातार बारिश के बाद जलभराव की समस्या ने किसानों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। गांव में लगभग 300 एकड़ की धान और अन्य फसलें अभी भी पानी में डूबी हुई हैं। किसानों का आरोप है कि अवैध प्लाटिंग के चलते पानी निकासी का रास्ता बंद कर दिया गया है, जिससे खेतों में पानी भरा हुआ है। इससे आक्रोशित किसानों ने प्रशासन को चक्काजाम की चेतावनी दी है।

तीन साल से फरियाद, पर समाधान नहीं
किसानों का कहना है कि वे पिछले तीन सालों से जिला प्रशासन से समस्या के समाधान की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। गांव के किसान चेतन यादव, सुरेश सिन्हा, इरेंद्र यादव, प्रदीप देवांगन, हेमलाल सिन्हा, हेमचंद धनकर समेत कई किसानों ने बताया कि खेतों का पानी पहले आसानी से निकल जाता था, मगर अब रास्ता बंद होने से हर साल फसलें डूब रही हैं।

बुजुर्ग किसान की पीड़ा
70 वर्षीय किसान बिसौहा राम धनकर ने कहा कि वे पीढ़ियों से खेती कर रहे हैं। पहले उनके खेतों का पानी खुद-ब-खुद निकल जाता था, लेकिन अब अवैध प्लाटिंग ने उनकी खेती को तबाह कर दिया है। उन्होंने कहा, "पहली ही बारिश में खेत डूब गए, यदि प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो खेती करना नामुमकिन हो जाएगा।"

नक्शे में भी गड़बड़ी का आरोप
किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी नक्शे में भी गड़बड़ी है। पटवारी ने पानी निकासी का रास्ता खेतों से ऊपर के लेवल पर दिखाया है, जबकि वास्तविकता कुछ और है। किसानों का कहना है कि प्रशासन ईमानदारी से सर्वे कराए और स्थायी समाधान निकाले।

अभी तक मिला सिर्फ आश्वासन
किसान आकाश सेन ने कहा कि अधिकारी केवल आश्वासन देकर चले जाते हैं। पिछले साल एसडीएम भी पहुंचे थे, लेकिन आज तक कोई हल नहीं निकला। किसान बोले, "हमने 100 एकड़ फसल बचाने के लिए वैकल्पिक निकासी की, पर इससे दूसरी ओर 200 एकड़ फसल डूब गई। अब पास का तालाब भी भर गया है और यदि बांध टूटा तो बड़ी तबाही होगी।"

प्रशासन का बयान
इस मामले में दुर्ग कलेक्टर अभिजीत सिंह ने कहा, "हमें किसानों की समस्या की जानकारी मिली है। जल्द ही राजस्व अमले को मौके पर भेजा जाएगा। समस्या का निरीक्षण कर पानी निकासी की व्यवस्था कराई जाएगी।"

किसानों का अल्टीमेटम
किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे चक्काजाम कर उग्र आंदोलन करेंगे। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन अवैध प्लाटिंग पर सख्त कार्रवाई करे और पानी निकासी का रास्ता तुरंत खोला जाए।

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