बिलासपुर में जल संसाधन विभाग के सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा ने परीक्षार्थियों की ली कड़ी परीक्षा, कड़े सुरक्षा इंतजाम रहे चर्चा में


 

बिलासपुर | व्यापमं द्वारा आयोजित जल संसाधन विभाग की सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा रविवार को जिलेभर के 17 परीक्षा केंद्रों में संपन्न हुई। कुल 5987 अभ्यर्थियों ने परीक्षा में हिस्सा लिया। कड़ी निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था के बीच परीक्षा तो शांतिपूर्ण रही, लेकिन कठिन प्रश्नपत्र ने अधिकांश अभ्यर्थियों को हैरान कर दिया।

कठिन प्रश्नों ने बढ़ाई टेंशन, समझने में ही लगा वक्त

परीक्षार्थियों के अनुसार, 100 अंकों के प्रश्नपत्र में 90% सवाल थ्योरी आधारित थे, जिनमें से लगभग 75% टेक्निकल विषयों से जुड़े थे। गणनात्मक प्रश्नों की संख्या बेहद कम रही। अधिकतर परीक्षार्थी यह कहते नजर आए कि प्रश्नों को समझने में ही उन्हें काफी वक्त लग गया, जिससे समय प्रबंधन करना मुश्किल हो गया।

एक परीक्षार्थी ने बताया, “टेक्निकल प्रश्न तो थे ही, लेकिन उनकी भाषा इतनी पेचीदा थी कि पढ़ने और समझने में ही आधा समय निकल गया।”

'निर्माण विवाद' पर आया दिलचस्प सवाल बना चर्चा का विषय

एग्जाम खत्म होते ही परीक्षा केंद्रों से बाहर निकलते परीक्षार्थियों के बीच एक सवाल सबसे ज्यादा चर्चा में रहा—"अधिकतर निर्माण विवाद किसके बीच होते हैं?"
इसके विकल्प थे:

  1. श्रमिक और इंजीनियर

  2. इंजीनियर और ठेकेदार

  3. ठेकेदार और ग्राहक

  4. ठेकेदार और जनता

परीक्षार्थियों के बीच इस प्रश्न को लेकर बहस छिड़ गई कि वास्तविक जीवन में कौन से पक्ष के बीच सबसे ज्यादा टकराव होते हैं।

नीट जैसी सख्ती, 2 घंटे पहले बुलाए गए परीक्षार्थी

इस बार व्यापमं ने परीक्षा प्रक्रिया को हाईटेक नकल से बचाने के लिए सख्त नियम लागू किए। परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने के दो घंटे पहले यानी सुबह 8 बजे केंद्र पहुंचने के निर्देश दिए गए थे। 9:45 बजे ही केंद्र के गेट बंद कर दिए गए, जबकि परीक्षा 10 बजे शुरू हुई।

कपड़ों पर भी लगी बंदिश, डार्क कलर पर रोक

सरकंडा के रामदुलारे मिश्रा हाई स्कूल परीक्षा केंद्र में एक महिला को डार्क कलर के कपड़े पहनने के कारण रोका गया। नियमों के अनुसार परीक्षार्थियों को हल्के रंग के कपड़े पहनकर आना था। महिला ने तुरंत कपड़े बदलकर परीक्षा दी।

सुरक्षा के लिए कड़ा पहरा, जैमर और फ्रिसकिंग की व्यवस्था

प्रत्येक केंद्र पर पुरुष और महिला पुलिसकर्मी तैनात रहे। हैंडहेल्ड मेटल डिटेक्टर से तलाशी ली गई। मुस्लिम और सिख परीक्षार्थियों के लिए अलग से जांच की व्यवस्था की गई। हर कमरे में जैमर लगाए गए ताकि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस से नकल न हो सके।

जूते, बेल्ट, घड़ी, टोपी, स्कार्फ और मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित था। परीक्षार्थियों को यहां तक कि बैग रखने की भी अनुमति नहीं थी। हाफ शर्ट और टी-शर्ट में परीक्षार्थियों को देखा गया, जैसा कि गाइडलाइन में निर्देशित था।

पुलिस की सतर्क गश्त, अभ्यर्थी बोले - ऐसा पहली बार देखा

परीक्षा के दौरान गेट बंद होने के बाद हर केंद्र के बाहर बंदूकधारी जवान तैनात किए गए थे। परीक्षा केंद्र के अंदर और बाहर लगातार पुलिसकर्मियों की गश्त चलती रही।

एक परीक्षार्थी ने कहा, “इतनी सख्त चेकिंग और सुरक्षा इंतजाम पहली बार किसी भर्ती परीक्षा में देखे। अच्छा है कि नकल पर लगाम लगे, लेकिन परीक्षा का स्तर भी थोड़ा संतुलित होना चाहिए।”


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