छत्तीसगढ़ विधानसभा में डीएपी खाद को लेकर जमकर हंगामा, कांग्रेस विधायकों का निलंबन


 

रायपुर, 17 जुलाई 2025 – छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन जोरदार हंगामे और सियासी घमासान के नाम रहा। डीएपी (डाय अमोनियम फॉस्फेट) खाद की आपूर्ति को लेकर विपक्ष ने सरकार पर तीखे आरोप लगाए, जिससे सदन का वातावरण पूरी तरह गरमा गया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को वंचित कर डीएपी खाद निजी व्यापारियों को दे रही है।

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने सरकार पर किसानों के साथ भेदभाव करने और खाद वितरण में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया। कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए 'किसान विरोधी सरकार नहीं चलेगी' जैसे नारों के साथ सदन के गर्भगृह में पहुंच गए।

कृषि मंत्री ने स्वीकारी खाद की कमी

कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने सवाल उठाया कि राज्य में डीएपी का भंडारण कितना किया गया है, और किसे-कितना आवंटित हुआ। जवाब में कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने स्वीकार किया कि 3.10 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य में से जून तक केवल 1.18 लाख मीट्रिक टन खाद ही प्राप्त हुआ है। मंत्री ने कहा कि आने वाले 4-5 दिनों में बड़ी मात्रा में डीएपी की रेक राज्य में पहुंचेगी।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि खाद की कमी सिर्फ छत्तीसगढ़ की नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और वैश्विक समस्या है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सुलझाने की कोशिश की जा रही है। जैसे ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिया, कांग्रेस विधायकों ने भारी हंगामा शुरू कर दिया।

गर्भगृह में कांग्रेस विधायक, स्पीकर ने की सख्त कार्रवाई

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस विधायकों के गर्भगृह में जाने को परंपरा के विरुद्ध बताया और सख्त नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों की संसदीय गरिमा को विपक्ष लगातार ठेस पहुंचा रहा है। स्पीकर के बार-बार आग्रह के बावजूद जब कांग्रेस विधायक गर्भगृह से बाहर नहीं गए तो उन्हें निलंबित कर दिया गया।

गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि निलंबन के बाद भी कार्यवाही में बाधा डालना असंसदीय और नई गलत परंपरा की शुरुआत है। कांग्रेस विधायकों ने स्पीकर के निर्देशों की अनदेखी करते हुए गर्भगृह में बैठकर नारेबाजी जारी रखी।

हाउसिंग बोर्ड को लेकर नई नीति

इस बीच सदन में गृहनिर्माण मंडल को लेकर भी चर्चा हुई। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनाए गए मकानों की बिक्री और नीति पर सवाल उठाए। जवाब में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि अब मकान तभी बनाए जाएंगे जब 60% बुकिंग पहले से हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि डिमांड के बिना मकान निर्माण की परंपरा बंद की जाएगी।

चौधरी ने कहा कि नई नीति के तहत यदि किसी परियोजना के लॉन्च के 3 महीने के भीतर 30% प्री-बुकिंग हो जाती है, तभी टेंडर जारी किया जाएगा। इससे अनावश्यक मकानों की भरमार और सरकारी संसाधनों की बर्बादी रुकेगी।

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