इस्पात नगरी रिसाली में बीएसपी ने हटाया अवैध कब्जा: संपदा न्यायालय के आदेश पर सख्त कार्रवाई


 

भिलाई। रिसाली क्षेत्र के इस्पात नगर स्थित वार्ड नंबर 29 में भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) के नगर सेवाएं विभाग के प्रवर्तन अनुभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बीएसपी की भूमि पर अवैध कब्जा जमाए लोगों को हटाया। यह कार्रवाई संपदा न्यायालय द्वारा 4 जुलाई 2025 को जारी आदेश के अनुपालन में की गई, जिसमें अवैध कब्जाधारियों को हटाने के निर्देश स्पष्ट रूप से दिए गए थे। बीएसपी प्रशासन ने इस आदेश के क्रियान्वयन में कोई कोताही नहीं बरती और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में यह बेदखली अभियान चलाया।

संपदा न्यायालय ने दिया था बेदखली का आदेश

इस कार्रवाई की पृष्ठभूमि में बीएसपी द्वारा संपदा न्यायालय में दायर एक मामला था, जिसमें बताया गया था कि रिसाली के वार्ड नंबर 29 में बीएसपी की कीमती भूमि पर कुछ लोगों ने अवैध रूप से पक्के स्ट्रक्चर बना लिए हैं और लंबे समय से बिना किसी अधिकृत अनुमति के कब्जा जमाए हुए हैं। अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद 4 जुलाई को डिक्री आदेश जारी कर अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया था।

जेसीबी से ढहाए गए पक्के निर्माण

बेदखली अभियान के तहत नगर सेवाएं विभाग के अधिकारियों ने दो जेसीबी मशीनों की मदद से पक्के अवैध निर्माण को गिराया। इस कार्यवाही की अगुवाई महाप्रबंधक नगर सेवाएं के.के. यादव ने की। उन्होंने बताया कि भूमि पर बने स्थाई स्ट्रक्चर को चिन्हित कर विधिवत प्रक्रिया के तहत तोड़ा गया। इस दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी प्रकार की अनावश्यक क्षति न हो और प्रक्रिया निष्पक्ष रहे।

विरोध के बावजूद शांतिपूर्वक हुई कार्यवाही

कार्यवाही के दौरान अवैध कब्जाधारियों ने विरोध किया और अधिकारियों को बाधा पहुंचाने का प्रयास भी किया, लेकिन भारी पुलिस बल और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के कारण किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। नेवई थाना प्रभारी कमल सिंह सेंगर स्वयं मौके पर मौजूद रहे और उन्होंने अपनी टीम के साथ सुरक्षा व्यवस्था संभाली। साथ ही कार्यपालक मजिस्ट्रेट दिलेश्वर साहू ने पूरी कार्रवाई की निगरानी की और मौके पर कानून व्यवस्था बनाए रखी।

सामान जब्ती नहीं, केवल बेदखली

बीएसपी प्रशासन ने स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई के दौरान किसी प्रकार का घरेलू सामान या व्यक्तिगत वस्तु जब्त नहीं की गई। कब्जाधारियों को पहले से ही न्यायालय के आदेश की जानकारी थी, बावजूद इसके उन्होंने स्वयं कब्जा नहीं छोड़ा, जिसके चलते प्रशासन को बलपूर्वक कार्रवाई करनी पड़ी।

अवैध कब्जे के खिलाफ बीएसपी का सख्त रुख

बीएसपी ने यह भी स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी कंपनी की संपत्तियों पर अवैध कब्जा या अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ इसी तरह सख्त कदम उठाए जाएंगे। यह कार्रवाई भविष्य के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि सार्वजनिक और औद्योगिक संस्थानों की भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

स्थानीय निवासियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया

स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया इस कार्रवाई को लेकर मिश्रित रही। कुछ लोगों ने बीएसपी के इस कदम को सही बताया और कहा कि सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण कानून के खिलाफ है, वहीं कुछ ने इसे मानवीय दृष्टिकोण से कठोर बताते हुए प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की मांग की। हालांकि बीएसपी ने स्पष्ट किया कि जिन लोगों ने अवैध रूप से भूमि पर कब्जा किया है, उन्हें पहले कई बार नोटिस दिया गया था।

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