रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत ही तीखी बहस और आरोप-प्रत्यारोप के साथ हुई। पटवारी से राजस्व निरीक्षक पद की विभागीय परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा विपक्ष के सवालों के घेरे में आ गए। भाजपा विधायक राजेश मूणत के तीखे सवालों और संतोषजनक जवाब न मिलने पर विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
मामले की शुरुआत तब हुई जब विधायक मूणत ने पूछा कि विभागीय परीक्षा में गड़बड़ी सामने आने के बावजूद अब तक एफआईआर क्यों नहीं की गई है। जवाब में मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि फिलहाल आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) इस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि परीक्षा परिणाम फरवरी 2024 में आए थे और शिकायतों के बाद 5 सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट में अनियमितताएं सामने आई हैं।
ईओडब्ल्यू जांच पर सवाल
मंत्री ने दावा किया कि विभाग के पास कॉल डिटेल, लोकेशन और डिजिटल साक्ष्य की जांच की तकनीकी क्षमता नहीं थी, इसलिए मामला गृह विभाग होते हुए ईओडब्ल्यू को सौंपा गया। हालांकि, विधायक मूणत और अजय चंद्राकर ने पूछा कि जब गृह विभाग ने विभागीय कार्रवाई की अनुमति दी थी, तब एफआईआर क्यों नहीं दर्ज कराई गई? उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि ईओडब्ल्यू जांच का निर्णय किस स्तर पर और किसने लिया।
विपक्ष ने उठाई CBI जांच की मांग
विपक्ष के नेता भूपेश बघेल ने इस मुद्दे को वर्तमान सरकार से जुड़ा बताते हुए सीबीआई जांच की मांग रखी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भ्रष्टाचारियों को बचा रही है और मंत्री जवाब देने में असमर्थ हैं। इस पर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
दूसरे मुद्दों पर भी सवाल
इसी दौरान भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में नियुक्तियों में रोस्टर पालन न होने का मुद्दा उठाया। इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि 10 में से 8 विभागों में भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और शेष की जांच चल रही है।
सरकार की सफाई और विपक्ष का विरोध
मंत्री टंकराम वर्मा ने आश्वासन दिया कि ईओडब्ल्यू जांच के 41 बिंदुओं पर विभाग ने सहयोग दिया है और अगले सत्र से पहले कार्रवाई की जाएगी। बावजूद इसके विपक्ष ने जवाब को असंतोषजनक मानते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया।
