हत्या मामलों की विवेचना पर दुर्ग रेंज में ऑनलाइन प्रशिक्षण, IG रामगोपाल गर्ग ने दिए दिशा-निर्देश


 

दुर्ग, 16 जुलाई।
हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच को और अधिक वैज्ञानिक, संवेदनशील और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से दुर्ग रेंज के पुलिस अधिकारियों के लिए मंगलवार को एक रेंज स्तरीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस विशेष प्रशिक्षण सत्र का नेतृत्व दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) रामगोपाल गर्ग ने किया।

कार्यक्रम में दुर्ग, बालोद और बेमेतरा जिलों के पुलिस अधीक्षकों सहित रेंज के 90 से अधिक पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। आईजी गर्ग ने स्वयं पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से हत्या मामलों की विवेचना से जुड़ी बारीकियों पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया।

प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य यह था कि पुलिस अधिकारी हत्या जैसे जघन्य अपराधों की जांच के दौरान हर पहलू को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझें और कानूनी प्रक्रिया के अनुरूप साक्ष्य एकत्र करें, ताकि न्यायालय में मजबूत केस प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने कहा कि एक सशक्त विवेचना ही आरोपी को सजा दिलाने का मार्ग प्रशस्त करती है।

आईजी गर्ग ने कहा, "हमें विवेचना को तकनीकी रूप से सुदृढ़ बनाना होगा। डीएनए, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, कॉल डिटेल्स, लोकेशन एनालिसिस जैसे पहलुओं को ठीक से समझना और प्रस्तुत करना जरूरी है।" उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे इस प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को रोजमर्रा की जांच प्रक्रिया में अपनाएं।

प्रशिक्षण सत्र में दुर्ग के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल, बेमेतरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू सहित रेंज के कई उच्च अधिकारी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने इस प्रयास की सराहना की और इसे विवेचना की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।

यह प्रशिक्षण सत्र पुलिस विभाग की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत गंभीर अपराधों की त्वरित और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कर न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावी बनाया जा रहा है।

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