बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के अंतर्गत रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान 'ऑपरेशन नारकोस' के तहत बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। बीते 10 दिनों में आरपीएफ ने 9 अलग-अलग मामलों में 72.70 किलोग्राम गांजा जब्त किया है, जिसकी बाजार कीमत 15.31 लाख रुपए आंकी गई है। इस कार्रवाई में अब तक 8 तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
ओडिशा से ट्रेन के जरिये हो रही थी तस्करी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आरपीएफ को खुफिया सूचना मिली थी कि ओडिशा से नशीले पदार्थों की तस्करी की जा रही है, जिसके बाद बिलासपुर, रायपुर और नागपुर मंडलों में एक साथ निगरानी बढ़ाई गई। खुफिया जानकारी के आधार पर आने-जाने वाली ट्रेनों पर विशेष नजर रखी गई और स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया। इसी दौरान 9 मामलों में गांजे की खेप पकड़ी गई।
तीनों मंडलों में एक साथ ऑपरेशन
बिलासपुर, रायपुर और नागपुर मंडलों की संयुक्त कार्यवाही में ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। प्रत्येक मंडल में क्राइम इंटेलिजेंस ब्रांच और स्पेशल इंटेलिजेंस यूनिट को भी सतर्क किया गया था। गांजे की तस्करी में शामिल आरोपियों के ट्रेनों में सफर करने के तरीके, उनके ठिकानों और संपर्कों की पूरी मॉनिटरिंग की गई।
स्पेशल टास्क टीम की तत्परता से 8 आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा गया, जिनके पास से कुल 72.70 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया। गिरफ्तार तस्करों को संबंधित थाना क्षेत्रों को सुपुर्द कर आगे की कार्रवाई शुरू की गई।
गांजा बैग और पैकेट में छिपाकर ट्रेनों में किया जा रहा था परिवहन
गिरफ्तार तस्कर गांजा को विशेष पैकिंग में बैगों के अंदर छिपाकर ट्रेन में सफर करते थे। अधिकतर मामलों में तस्कर सामान्य यात्री बनकर स्लीपर या जनरल कोच में चढ़ते थे ताकि संदेह न हो। लेकिन RPF की सतर्कता और सटीक सूचना के चलते उन्हें पकड़ा गया। बरामद गांजा मुख्य रूप से ओडिशा के मलकानगिरी और कोरापुट क्षेत्रों से लाया गया था।
पिछले ढाई सालों में 4.39 करोड़ के मादक पदार्थ जब्त
रेलवे सुरक्षा बल के अनुसार, ऑपरेशन नारकोस के तहत चल रहे विशेष अभियान में अब तक लाखों रुपए का मादक पदार्थ जब्त किया जा चुका है। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले ढाई सालों में कुल 4.39 करोड़ रुपए मूल्य का नशीला पदार्थ जब्त किया गया है। इसी अवधि में 231 आरोपियों को गिरफ्तार कर विभिन्न धाराओं के तहत जेल भेजा गया है।
नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति
रेलवे सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है। खासकर रेलवे संपत्ति, यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेनों का दुरुपयोग रोकने के लिए यह अभियान लगातार जारी रहेगा।
अधिकारियों के मुताबिक, ट्रेनों में नशीले पदार्थों की तस्करी न केवल गैरकानूनी है, बल्कि इससे यात्रियों की सुरक्षा पर भी खतरा उत्पन्न होता है। ऐसे में RPF की टीम हर संभावित एंट्री पॉइंट और ट्रांजिट रूट पर निगरानी कर रही है।
आम जनता से भी सहयोग की अपील
RPF ने आम नागरिकों और यात्रियों से भी अपील की है कि यदि किसी को ट्रेन या रेलवे परिसर में संदिग्ध गतिविधि नजर आती है, तो वे तुरंत 139 हेल्पलाइन नंबर या नजदीकी रेलवे सुरक्षा बल चौकी को सूचना दें।
रेलवे प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा और तत्काल कार्रवाई की जाएगी।