कोरबा। SECL गेवरा कोयला खदान के व्यू प्वाइंट पर शुक्रवार को एक मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस संयुक्त अभ्यास में सीआईएसएफ ने जिला प्रशासन की विभिन्न रेस्क्यू एजेंसियों के साथ मिलकर आपात स्थिति से निपटने का प्रशिक्षण दिया।
करीब 3 घंटे तक चले इस मॉक ड्रिल में भूस्खलन, बलवा व घेराव जैसी स्थितियों से निपटने का अभ्यास किया गया। ड्रिल के दौरान एक परिदृश्य बनाया गया, जिसमें खदान में भूस्खलन होने से 5 कर्मचारी घायल हो गए थे। इसके बाद रेस्क्यू टीमों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। साथ ही, मेडिकल टीम द्वारा घायलों को प्राथमिक उपचार देने की प्रक्रिया भी दर्शाई गई।
खदान क्षेत्र में सायरन सिस्टम, एम्बुलेंस की उपलब्धता और चिकित्सा व्यवस्था का भी परीक्षण किया गया। बलवा या घेराव की स्थिति में सुरक्षा बलों द्वारा मोर्चा संभालने का भी अभ्यास हुआ।
इस मॉक ड्रिल में SECL रेस्क्यू टीम, फायर विंग, एसडीआरएफ, आपदा मित्र, जिला फायर विंग, दीपका थाना पुलिस, एनसीसी कैडेट्स, एनटीपीसी कोरबा फायर विंग, सीआईएसएफ और एनसीएच हॉस्पिटल की टीमें शामिल रहीं।
कार्यक्रम में सीआईएसएफ के वरिष्ठ कमांडेंट नागेंद्र कुमार झा, गेवरा के महाप्रबंधक अरुण कुमार त्यागी, SECL रेस्क्यू के महाप्रबंधक मनोज विशनोई, परियोजना महाप्रबंधक आर.बी. सिंधूर समेत कई अधिकारी मौजूद थे।
महाप्रबंधक अरुण कुमार त्यागी ने सभी एजेंसियों का आभार जताया और कहा कि इस तरह के अभ्यास से रेस्क्यू क्षमता बढ़ती है और वास्तविक आपदा की स्थिति में जान-माल की हानि को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस तरह के संयुक्त मॉक ड्रिल लगातार आयोजित किए जाएंगे।