ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए एसईसीएल के जीएम, 11.37 लाख की चपत, साइबर सेल कर रही जांच कोरबा के दीपका खदान क्षेत्र में सामने आया मामला, गूगल पर कस्टमर केयर नंबर खोजने के दौरान हुआ बड़ा फ्रॉड


 

कोरबा, छत्तीसगढ़ – साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की दीपका खदान क्षेत्र में कार्यरत सैनिक माइनिंग कंपनी के जनरल मैनेजर बलदेव सिंह एक बड़े ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो गए। ठगों ने बैंकिंग सहायता देने के नाम पर उनके मोबाइल में एक संदिग्ध ऐप इंस्टॉल करवा कर 11 लाख 37 हजार 500 रुपये की ठगी कर ली। यह घटना 29 जुलाई को हुई, जब बलदेव सिंह को बैंकिंग कार्य में मदद की आवश्यकता पड़ी।

उन्होंने गूगल पर स्टेट बैंक कस्टमर केयर नंबर सर्च किया, जहां एक फर्जी नंबर मिला। जब उन्होंने उस नंबर पर कॉल किया, तो सामने वाले व्यक्ति ने खुद को बैंक का प्रतिनिधि बताया और बड़ी चतुराई से एक लिंक भेजा। लिंक के जरिए उन्होंने एक कस्टमर सपोर्ट ऐप डाउनलोड करवाया और ऐप को सभी जरूरी परमिशन देने को कहा।

जैसे ही बलदेव सिंह ने ऐप इंस्टॉल कर उसे एक्सेस की अनुमति दी, उनके खाते से रुपये निकलने लगे। ठगों ने चालाकी से खाते से 98-98 हजार रुपये की कई किस्तों में, साथ ही 50 हजार और 5 हजार रुपये की राशि निकाल ली। पूरी राशि अलग-अलग बैंकों के खातों में ट्रांसफर की गई, जिससे उनका बैंक खाता लगभग खाली हो गया।

बलदेव सिंह ने इस घटना की सूचना दीपका पुलिस थाने में दी। पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साथ ही साइबर सेल को इसकी जानकारी सौंप दी गई है। फिलहाल पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ठगों के अकाउंट कहां स्थित हैं और उनका स्थान क्या है।

पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि—

  • ठगों ने गूगल पर फर्जी बैंक नंबर पब्लिश कर रखा था।

  • उन्होंने तकनीकी जानकारी का फायदा उठाकर एक कस्टमर सपोर्ट ऐप के माध्यम से रिमोट एक्सेस हासिल किया।

  • ऐप की सहायता से ठगों ने मोबाइल और बैंकिंग ऐप का एक्सेस लेकर खाते से रकम निकाली।

  • साइबर सेल अब यह पता लगाने में जुटी है कि किस बैंक और किस शहर के खातों में पैसे ट्रांसफर हुए हैं।

यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति के साथ हुई धोखाधड़ी नहीं है, बल्कि यह ऑनलाइन फ्रॉड की एक जानी-पहचानी तरकीब है, जिसमें कई लोग फंस चुके हैं। खासतौर पर गूगल सर्च के जरिए फर्जी नंबर मिलने की शिकायतें आए दिन सामने आती हैं।

सावधानी ही बचाव
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी बैंकिंग सहायता के लिए गूगल या किसी सर्च इंजन पर कस्टमर केयर नंबर सर्च करने की बजाय संबंधित बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप का ही उपयोग करना चाहिए। किसी भी अनजान व्यक्ति से मिली लिंक या ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी विश्वसनीयता की जांच अवश्य करनी चाहिए।

पुलिस ने अपील की है कि—

  • कोई भी ग्राहक गूगल से बैंकिंग सहायता के लिए नंबर न खोजे।

  • संदिग्ध लिंक या ऐप को डाउनलोड करने से बचे।

  • किसी भी अनजान व्यक्ति को रिमोट एक्सेस की अनुमति न दें।

  • बैंक खाते में अनियमितता दिखने पर तुरंत बैंक और पुलिस को सूचित करें।

बलदेव सिंह जैसे वरिष्ठ अधिकारी के साथ हुई यह ठगी यह स्पष्ट करती है कि ऑनलाइन ठग अब आम जनता से लेकर जिम्मेदार अधिकारियों तक को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में तकनीकी जागरूकता और सतर्कता बेहद आवश्यक है।

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