छत्तीसगढ़ के कोरबा और रायगढ़ में कोल ब्लॉकों की नीलामी पूरी, जल्द शुरू होगा उत्खनन झारखंड के चार ब्लॉकों के साथ कुल 7 कोल ब्लॉकों की 12वें दौर में हुई नीलामी


 

कोरबा। कोयला मंत्रालय द्वारा कमर्शियल माइनिंग के 12वें चरण के अंतर्गत छत्तीसगढ़ और झारखंड के कुल 7 कोल ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी की गई है। इसमें छत्तीसगढ़ के तीन और झारखंड के चार कोल ब्लॉक शामिल हैं। छत्तीसगढ़ में जिन तीन ब्लॉकों की नीलामी हुई है, उनमें कोरबा जिले के दो और रायगढ़ जिले का एक कोल ब्लॉक शामिल है। यह नीलामी देश में ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत करने, निजी निवेश को बढ़ावा देने और राजस्व सृजन की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

कोरबा जिले के दो कोल ब्लॉक हुए नीलाम

कोरबा जिले के जिन दो कोल ब्लॉकों की नीलामी हुई है, वे हैं – रजगामार डिपसाइड देवनारा और रजगामार डिपसाइड साउथ ऑफ फुलकडीह। इन दोनों खदानों में कुल मिलाकर लगभग 1401.61 लाख टन कोयले का भंडार मौजूद है, जो राज्य के औद्योगिक विकास और ऊर्जा उत्पादन में अहम भूमिका निभा सकता है।

रजगामार डिपसाइड देवनारा खदान को टीएमसी मिनरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड ने हासिल किया है। इस ब्लॉक में 784.64 लाख टन कोयले का अनुमानित भंडार है। दूसरी ओर, रजगामार डिपसाइड साउथ ऑफ फुलकडीह खदान को मिवान स्टील्स लिमिटेड को सौंपा गया है, जिसमें 616.97 लाख टन कोयले का भंडार मौजूद है।

रायगढ़ जिले में भी एक कोल ब्लॉक की नीलामी

इसके अतिरिक्त, रायगढ़ जिले के एक कोल ब्लॉक की भी नीलामी की गई है। हालांकि इसकी विस्तृत जानकारी फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि इस ब्लॉक से भी काफी मात्रा में कोयले का उत्खनन किया जा सकेगा, जिससे स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा ज़रूरतों की पूर्ति में सहायता मिलेगी।

झारखंड के चार कोल ब्लॉक भी नीलाम

कोयला मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, झारखंड राज्य के भी चार कोल ब्लॉकों की नीलामी इसी चरण में की गई है। इन सातों कोल ब्लॉकों में कुल मिलाकर 1,761.49 लाख टन कोयले का भंडार आंका गया है। इन ब्लॉकों की वार्षिक उत्पादन क्षमता लगभग 52.5 लाख टन होने का अनुमान है।

आर्थिक प्रभाव और संभावनाएं

इन कोल ब्लॉकों से करीब 719.90 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व उत्पन्न होने की उम्मीद जताई गई है, जो केंद्र और राज्य सरकारों के खजाने में योगदान देगा। साथ ही, कोल खनन के आरंभ से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।

इस पूरी नीलामी प्रक्रिया में 8 कंपनियों द्वारा कुल 14 बोलियां लगाई गईं, जो बताता है कि कोल सेक्टर में निजी कंपनियों की दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है। इससे भविष्य में इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ तकनीकी निवेश और पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी।

खनन जल्द शुरू होने की संभावना

कोयला मंत्रालय के अनुसार, नीलामी प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब जल्दी ही इन ब्लॉकों में कोयला उत्खनन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। यह प्रक्रिया पर्यावरण स्वीकृति, खनन योजना की मंजूरी और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं के पूर्ण होने के बाद प्रारंभ होगी।

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