हादसे ने छीने दो जिंदगियां: मदनपुर घाट में ब्रेकडाउन ट्रक को सुधार रहे ड्राइवर-हेल्पर को तेज रफ्तार कार ने कुचला नेशनल हाईवे-130 पर हुआ दर्दनाक हादसा, मौके पर एक की मौत, दूसरे ने अस्पताल में तोड़ा दम


 

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में सोमवार की सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे ने दो परिवारों की खुशियां छीन लीं। यह घटना कोरबा से गुजरने वाले नेशनल हाईवे-130 पर बांगो थाना क्षेत्र के अंतर्गत मदनपुर घाट की है, जहां एक ब्रेकडाउन ट्रक को सुधारने के दौरान तेज रफ्तार कार की चपेट में आने से ट्रक ड्राइवर और उसके हेल्पर की मौत हो गई।

मोड़ पर हुआ हादसा, नहीं दिखा खड़ा ट्रक

जानकारी के अनुसार ट्रक उत्तर प्रदेश से सामान लेकर रायपुर के लिए रवाना हुआ था, लेकिन मदनपुर घाट के पास अचानक तकनीकी खराबी आने के कारण वह सड़क किनारे खड़ा हो गया। ड्राइवर मोहम्मद उस्मान (42 वर्ष, निवासी प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश) और हेल्पर कृष्ण मुरारी पांडे (32 वर्ष, निवासी गढ़वा, झारखंड) ट्रक को सुधारने में लगे थे। तभी मोड़ पर तेज रफ्तार से आ रही एक कार ने दोनों को जबरदस्त टक्कर मार दी।

चश्मदीदों के अनुसार कार की गति इतनी तेज थी कि ब्रेक लगाने तक उसने दोनों को अपनी चपेट में ले लिया। घटना के बाद आसपास अफरा-तफरी मच गई और हाईवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गई।

मौके पर एक की मौत, दूसरे ने अस्पताल में तोड़ा दम

हादसे में मोहम्मद उस्मान को सिर में गंभीर चोटें आईं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, कृष्ण मुरारी पांडे को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया।

स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। मोरगा चौकी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हादसे के बाद हाईवे पर करीब दो घंटे तक यातायात प्रभावित रहा।

कार में सवार थे दो लोग, चालक हिरासत में

हादसे के बाद कार में सवार दोनों लोगों को भी चोटें आई हैं। हालांकि उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। पुलिस ने कार को जब्त कर लिया है और चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

मोरगा चौकी प्रभारी मंगतूराम ने बताया कि मृतकों के परिवारों को सूचित कर दिया गया है और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद शवों को परिजनों को सौंपा जाएगा।

हादसे ने उजाड़ दिए दो परिवार

मृतक मोहम्मद उस्मान और कृष्ण मुरारी पांडे लंबे समय से ट्रांसपोर्ट सेक्टर में कार्यरत थे। दोनों अपने-अपने परिवारों के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। हादसे की खबर मिलते ही दोनों के गांवों में मातम छा गया। परिजनों ने कंपनी और प्रशासन से मुआवजे की मांग की है।

बढ़ती रफ्तार, घटती सावधानी

इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि हाईवे पर चलने वाले तेज रफ्तार वाहन किस हद तक जानलेवा साबित हो सकते हैं। मोड़ पर गति कम करने और सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, लेकिन अक्सर यह लापरवाही भारी पड़ती है।

यह भी जरूरी है कि ट्रक ड्राइवरों को सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करते समय पर्याप्त संकेतक उपकरण (रिफ्लेक्टर, ट्रैफिक कोन आदि) लगाने के लिए प्रशिक्षित किया जाए, जिससे अन्य वाहनों को खतरे का अंदेशा मिल सके।

प्रशासन से अपेक्षा

स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग से यह अपेक्षा की जा रही है कि मदनपुर घाट जैसे दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सुरक्षा संकेतों और चेतावनी बोर्डों की संख्या बढ़ाई जाए। साथ ही रात के समय ऐसे इलाकों में बेहतर रोशनी की व्यवस्था की जाए, ताकि इस प्रकार की घटनाओं को टाला जा सके।

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