जीएसटी विभाग ने 19.65 करोड़ की कर चोरी का किया भंडाफोड़, आरोपी गिरफ्तार


 

रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट जीएसटी विभाग ने बड़ी कर चोरी का खुलासा करते हुए राज्य की राजस्व सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम उठाया है। विभाग की जांच में सामने आया है कि महावीर माउल्ड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े अंकित सिंह ने 18 फर्जी व्यवसायियों से खरीदी दर्शाकर 19.65 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) फ्रॉड किया। इस मामले का खुलासा होते ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और न्यायालय के आदेश पर 14 दिन की न्यायिक रिमांड में भेजा गया है।

फर्जी खरीदी से टैक्स क्रेडिट का खेल

जांच अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने जिन 18 व्यवसायियों से खरीदी दिखाने का दावा किया था, वे असल में अस्तित्व में ही नहीं थे। इन फर्जी लेनदेन के आधार पर आरोपी ने जीएसटी के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लिया और इसे आगे कई अन्य व्यापारियों तक भी पास ऑन किया। इस तरह न केवल सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचा, बल्कि ईमानदारी से कर देने वाले व्यापारियों के साथ भी अन्याय हुआ।

कई कंपनियों पर जांच की आंच

अधिकारियों के अनुसार, आरोपी अंकित सिंह से जुड़ी तीन अन्य कंपनियों की भी जांच की जा रही है। विभाग को शक है कि इन कंपनियों के जरिए भी टैक्स चोरी के समान तरीके अपनाए गए होंगे। जीएसटी विभाग ने टीम गठित कर सबूतों को खंगालना शुरू कर दिया है। शुरुआती जांच से यह साफ हो चुका है कि यह धोखाधड़ी एक सुनियोजित तरीके से की गई, ताकि इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत फायदा उठाया जा सके।

विभाग की सक्रियता से खुलासा

पिछले कुछ महीनों से जीएसटी विभाग टैक्स चोरी के मामलों को रोकने के लिए विशेष अभियान चला रहा है। इसी क्रम में विभाग के अफसरों ने कई संदिग्ध कंपनियों के लेनदेन पर नजर रखी थी। लेनदेन और दस्तावेजों की गहन जांच में यह फ्रॉड उजागर हुआ। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में डिजिटल डाटा और जीएसटी रिटर्न की बारीकी से जांच बेहद मददगार साबित हो रही है।

राजस्व को भारी नुकसान

इस मामले में लगभग 19.65 करोड़ रुपये की कर चोरी दर्ज की गई है। इतनी बड़ी राशि का नुकसान राज्य सरकार की विकास योजनाओं और जनकल्याणकारी कार्यक्रमों पर असर डाल सकता था। विभागीय सूत्रों का कहना है कि आरोपी ने केवल अपने निजी लाभ के लिए इस तरह की जालसाजी की, जिसका सीधा खामियाजा जनता को भुगतना पड़ सकता था।

न्यायालय में पेशी और रिमांड

गिरफ्तारी के बाद आरोपी को मजिस्ट्रेट कोर्ट रायपुर में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है और संभव है कि आगे और कई नामों का खुलासा हो।

कड़ी कार्रवाई का संकेत

जीएसटी विभाग ने स्पष्ट किया है कि टैक्स चोरी और फर्जी कंपनियों के जरिए धोखाधड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यह मामला बाकी व्यापारियों के लिए भी चेतावनी है। जो लोग कानून के दायरे से बाहर निकलकर फर्जीवाड़ा करेंगे, उनके खिलाफ बिना किसी रियायत के कठोर कदम उठाए जाएंगे।

ईमानदार व्यापारियों के लिए राहत

इस कार्रवाई ने ईमानदारी से कारोबार करने वाले व्यापारियों को राहत दी है। वे मानते हैं कि जब टैक्स चोरी करने वालों पर कार्रवाई होगी तो बाजार में समान प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा। कई व्यापारिक संगठनों ने भी विभाग की तत्परता की सराहना की है।

आगे की रणनीति

जीएसटी विभाग अब इस मामले से जुड़ी कंपनियों के नेटवर्क और संभावित अन्य राज्यों से जुड़े लेनदेन की भी जांच करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल तकनीक और डेटा एनालिसिस की मदद से भविष्य में ऐसे मामलों को रोकना आसान होगा।

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