रायपुर-बिलासपुर के बीच बनेगी नई 6 लेन सड़क, ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत


 

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) राजधानी रायपुर और बिलासपुर के बीच यातायात की समस्या को कम करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहा है। एनएचएआई ने रायपुर के आरंग से बिलासपुर के दर्री तक लगभग 95 किलोमीटर लंबी छह लेन सड़क बनाने की योजना तैयार की है। इस सड़क पर करीब 3800 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। सड़क बनने के बाद रायपुर से बिलासपुर का सफर न केवल आसान होगा, बल्कि समय की भी बचत होगी।

अभी तक विशाखापट्टनम की तरफ से आने वाले वाहन राजू ढाबा, विधानसभा जीरो पॉइंट और धनेली नाका ओवरब्रिज होते हुए बिलासपुर जाते हैं। इस वजह से रोजाना 30 से 35 हजार गाड़ियों का दबाव रायपुर शहर की सड़कों पर बढ़ जाता है। खासकर सुबह 9 से 11 और शाम 5 से 7 बजे के बीच छेरीखेड़ी, तेलीबांधा चौक, महावीर नगर और वीआईपी टर्निंग जैसे प्रमुख स्थानों पर लंबे जाम की स्थिति बन जाती है। इस भीड़ से आम लोगों को परेशानी होती है और सड़क हादसों की संभावना भी बढ़ जाती है।

एनएचएआई का कहना है कि नई सड़क के बन जाने से करीब 30 हजार वाहनों को राजधानी के बीच से होकर निकलने की मजबूरी नहीं रहेगी। ये वाहन सीधे बिलासपुर की ओर जा सकेंगे। इससे न केवल रायपुर की ट्रैफिक समस्या हल होगी बल्कि दोनों शहरों के बीच दूरी तय करने में 30 मिनट से अधिक का समय भी बचेगा। वर्तमान में रायपुर से बिलासपुर पहुंचने में दो घंटे का समय लगता है, जबकि नई सड़क के बाद यह सफर और कम समय में पूरा हो सकेगा।

एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि रायपुर-विशाखापट्टनम का जंक्शन पारागांव है। यहीं से नई सड़क निकाली जाएगी और दर्री तक इसका निर्माण किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही जमीन का सर्वे शुरू किया जाएगा। इस सर्वे से पता चलेगा कि सड़क निर्माण में कितनी सरकारी और निजी जमीन आएगी, कितने पेड़ों की कटाई करनी होगी और निजी भूमि अधिग्रहण पर कितना खर्च आएगा।

सर्वे रिपोर्ट तैयार होने के बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाई जाएगी। इसे एनएचएआई के मुख्यालय भेजकर मंजूरी ली जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बाद ही सड़क निर्माण का कार्य आरंभ होगा।

अधिकारियों का मानना है कि यह सड़क न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी राहत भरी साबित होगी। फिलहाल रायपुर से बिलासपुर जाने वाली सड़क पर मंत्रालय से रोज 90 से अधिक बसें एक साथ निकलती हैं। इसके अलावा इसी मार्ग पर कई होटल, ढाबे और मैरेज पैलेस होने से यातायात का दबाव और बढ़ जाता है।

ट्रैफिक डीएसपी सतीश सिंह ठाकुर का कहना है कि यदि एनएचएआई ने आरंग से सीधे बिलासपुर तक छह लेन सड़क बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है तो आने वाले समय में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था काफी हद तक सुधर जाएगी। इससे दुर्घटनाओं की आशंका भी घटेगी और यात्रियों का समय बचेगा।

वर्तमान में रायपुर-बिलासपुर के बीच पहले से ही सिक्स और फोर लेन सड़क मौजूद है, जिसकी लंबाई करीब 127 किलोमीटर है। लेकिन वहां बढ़ते यातायात और शहर के बीच से गुजरने वाले वाहनों के कारण सफर में अक्सर अधिक समय लग जाता है। नई सड़क के निर्माण से राजधानी का बोझ कम होगा और दोनों शहरों के बीच आवागमन सुगम बन सकेगा।

एनएचएआई का दावा है कि यह परियोजना पूरी होने पर रायपुर से बिलासपुर का सफर न केवल तेज और आरामदायक होगा, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी। सड़क निर्माण के बाद व्यापार, उद्योग और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, लंबे समय से जाम की समस्या झेल रहे आम नागरिकों को राहत मिलेगी।

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