दुर्ग पुलिस का विशेष अभियान : 255 वारंटी आरोपी गिरफ्त में, 16 साल से फरार आरोपी भी पकड़ा गया


 

दुर्ग। जिले में कानून व्यवस्था को मजबूत करने और अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने तीन दिवसीय विशेष अभियान चलाया। यह अभियान 20 अगस्त से 22 अगस्त तक चला, जिसमें पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की। तीन दिनों में कुल 255 वारंटी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें 107 बेमियादी वारंटी और 148 गिरफ्तारी वारंटी शामिल हैं।

इस अभियान की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि थाना नेवई क्षेत्र में दर्ज एक 16 साल पुराने मामले में फरार चल रहे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इतने लंबे समय तक पुलिस की पकड़ से बाहर रहे आरोपी की गिरफ्तारी से यह संदेश गया है कि अपराध चाहे जितना पुराना क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बचना नामुमकिन है।


31 विशेष टीमों का गठन

पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर इस अभियान को बड़े पैमाने पर संचालित किया गया। इसके लिए 31 विशेष टीमों का गठन किया गया, जिसमें करीब 200 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे। हर टीम को अलग-अलग वारंटी आरोपियों की तलाश में भेजा गया। अभियान की निगरानी खुद राजपत्रित अधिकारियों ने की ताकि किसी भी स्तर पर लापरवाही की गुंजाइश न रहे।

वारंटियों के ठिकानों पर दबिश

पुलिस प्रवक्ता पद्मश्री तंवर ने जानकारी दी कि टीमों ने आरोपियों के संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी। कई आरोपियों को उनके घरों से पकड़ा गया तो कई को भागते समय दबोच लिया गया। गिरफ्तारी के बाद सभी वारंटी आरोपियों के फिंगरप्रिंट लिए गए और एक डेटाबेस तैयार किया गया, जिससे भविष्य में उन पर निगरानी रखी जा सके।


अपराध छोड़ने की दी गई हिदायत

पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों को यह साफ संदेश दिया कि अब समय आ गया है कि वे अपराध छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौट आएं। पुलिस का कहना है कि ऐसे अभियान लगातार चलाए जाएंगे और वारंटियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

एसीसीयू और थाना प्रभारियों की भूमिका

जिले के सभी थाना प्रभारियों ने अपनी-अपनी टीमों के साथ अभियान में अहम भूमिका निभाई। इसके साथ ही एसीसीयू (एंटी क्राइम एंड कंट्रोल यूनिट) की विशेष टीम ने भी वारंटियों को पकड़ने में सहयोग दिया। इससे अभियान की गति और तेज हुई और बड़ी संख्या में आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली।



कानून से बचना अब मुश्किल

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। वारंट जारी होने के बाद जो आरोपी फरार रहते हैं, वे अब ज्यादा समय तक पुलिस से बच नहीं पाएंगे। तकनीक और डेटाबेस की मदद से उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी और समय-समय पर दबिश देकर गिरफ्तार किया जाएगा।

जिले में राहत की भावना

इस अभियान से जिले में आम लोगों में सुरक्षा और राहत की भावना देखने को मिली है। लंबे समय से फरार और वारंटधारी आरोपियों की गिरफ्तारी ने यह साबित किया है कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए गंभीर और सक्रिय है। यह भी तय हो गया है कि वारंटियों को छिपने की कोई जगह नहीं मिलेगी।

भविष्य की योजना

पुलिस ने यह भी संकेत दिया है कि ऐसे अभियानों को समय-समय पर दोहराया जाएगा। वारंटियों के अलावा अन्य अपराधों पर भी इसी तरह की सघन कार्रवाई की जाएगी। उद्देश्य यह है कि अपराधियों में भय का वातावरण बने और वे दोबारा अपराध करने की हिम्मत न जुटा पाएं।


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