छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई शहर में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले एक शातिर आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने खुद को मंत्रालय में कार्यरत बाबू बताकर छह लोगों से लगभग 31 लाख रुपये ठग लिए थे। इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब एक पीड़ित ने स्मृति नगर चौकी में शिकायत दर्ज कराई। आरोपी के खिलाफ कई जिलों में पहले से भी ठगी के मामले दर्ज हैं।
ऐसे रची गई ठगी की साजिश
जानकारी के अनुसार, स्मृति नगर निवासी ढालसिंह वर्मा (35) की मुलाकात वर्ष 2020 में रायपुर में साबास खान नामक व्यक्ति से हुई थी। 48 वर्षीय साबास खान, महासमुंद का रहने वाला है और खुद को मंत्रालय में बाबू बताकर ढालसिंह का विश्वास जीत लिया। आरोपी ने खुद को ऊंचे अधिकारियों से जुड़ा हुआ बताकर सरकारी विभागों में नौकरी लगवाने का दावा किया। वह लगातार यह दिखावा करता रहा कि उसकी मंत्रालय और पोस्ट ऑफिस जैसे संस्थानों में ऊंचे पदों पर पैठ है और वह बाबू की नौकरी आसानी से लगवा सकता है।
2020 से 2025 तक की ठगी की कहानी
साबास खान ने 2020 से लेकर अगस्त 2025 तक नौकरी के नाम पर नकद और बैंक के माध्यम से कुल 30,94,000 रुपये वसूले। यह रकम सिर्फ ढालसिंह से नहीं, बल्कि कुल छह लोगों से ठगी गई थी। आरोपी ने अपने झूठे वादों के दम पर लोगों से मोटी रकम वसूली और फिर समय बीतते ही बहाने बनाने लगा। जब ढालसिंह ने उससे अपने पैसे वापस मांगे, तो वह हर बार टालमटोल करता रहा।
थक-हारकर पुलिस की शरण में पहुंचा पीड़ित
काफी इंतजार और वादों के बावजूद जब न तो नौकरी लगी और न ही पैसे वापस मिले, तब ढालसिंह ने 4 अगस्त 2025 को स्मृति नगर चौकी पहुंचकर ठगी की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने IPC की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया और आरोपी की तलाश शुरू की। जांच में तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस की और महासमुंद में दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में कबूला अपराध, भेजा गया जेल
गिरफ्तारी के बाद आरोपी से जब पुलिस ने पूछताछ की, तो उसने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया। पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस अब इस पूरे रैकेट की गहराई से जांच कर रही है और अन्य पीड़ितों की तलाश जारी है।
कई जिलों में दर्ज हैं पुराने मामले
इस मामले में एडिशनल एसपी पद्मश्री तंवर ने बताया कि साबास खान एक आदतन अपराधी है। उसके खिलाफ पहले भी कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। थाना दर्री (कोरबा) में उसके खिलाफ धारा 420, वहीं गोलबाजार थाना (रायपुर) में धारा 420, 467, 468, 471, 120बी और 201 के तहत केस दर्ज है। इसके अलावा कोतवाली थाना (महासमुंद), बंसतपुर थाना (राजनांदगांव) और थाना छुरा (गरियाबंद) में भी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के मामले सामने आ चुके हैं।
पुलिस कर रही है विस्तृत जांच
पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी ने किन-किन लोगों को अपना निशाना बनाया है और अब तक कितनी रकम की ठगी कर चुका है। मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है। पुलिस का कहना है कि ठगी की शिकार अन्य पीड़ितों से संपर्क साधा जा रहा है ताकि उनके बयान लेकर मुकदमे को मजबूत किया जा सके।