भिलाई स्टील प्लांट ने रूस के गैस एग्जॉस्टर की दुर्लभ मरम्मत कर कंपनी को 3 करोड़ रुपए की बचत दिलाई


 

भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट (सेल) के कर्मचारियों और अधिकारियों की संयुक्त टीम ने एक जटिल मरम्मत कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम देकर कंपनी के लिए 3 करोड़ रुपए से अधिक की सीधी बचत सुनिश्चित की है। संयंत्र में रूस से प्राप्त 4000 आरपीएम पर चलने वाले गैस एग्जॉस्टर में 24 मई 2025 को गंभीर तकनीकी खराबी उत्पन्न हुई थी। इस खराबी के कारण टॉप एवं बॉटम केसिंग बॉडी, फुटिंग्स, इंपेलर फैन और गैस डिफ्यूज़र बॉडी जैसी महत्वपूर्ण इकाइयां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थीं।

अगर इसे नया खरीदना होता तो कंपनी को लगभग 7 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते, साथ ही रूस से नई इकाई की आपूर्ति में एक साल का समय लग जाता। ऐसे में प्लांट प्रशासन ने पूरी समस्या का समाधान इन-हाउस मरम्मत के जरिए करने का निर्णय लिया।

रिक्लेमेशन शॉप ने मरम्मत प्रक्रिया को विशेष तकनीकों और उन्नत इलेक्ट्रोड्स के उपयोग से पूरा किया। मरम्मत कार्य के दौरान केसिंग फुटिंग्स पर ब्लू-मैच्ड फिनिश सरफेस प्रदान किया गया ताकि उच्च सटीकता सुनिश्चित की जा सके। इसके बाद MARS-1 मशीन पर प्रिसिजन मशीनिंग की गई। टीम ने मरम्मत के हर चरण में गुणवत्ता और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया, जिससे उत्पादन प्रक्रिया बाधित नहीं हुई और संयंत्र निरंतर कार्यशील रहा।

इस सफलता का लाभ न केवल वित्तीय दृष्टि से हुआ, बल्कि संयंत्र की उत्पादन क्षमता को भी बनाए रखा गया। विशेषज्ञों के अनुसार, यह मरम्मत कार्य अत्यंत जटिल और दुर्लभ था, जिसे आमतौर पर केवल विदेशी विशेषज्ञ ही कर पाते हैं। लेकिन भिलाई स्टील प्लांट ने अपने अनुभव और तकनीकी कौशल का इस्तेमाल करके इसे स्वयं अंजाम दिया।

सेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की तकनीकी क्षमता भविष्य में संयंत्र को कई प्रकार की जटिल समस्याओं का समाधान स्वयं करने में सक्षम बनाएगी। कर्मचारियों ने भी इस सफलता पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि यह टीम वर्क और तकनीकी दक्षता का बेहतरीन उदाहरण है।

इस उपलब्धि से यह स्पष्ट हुआ कि भिलाई स्टील प्लांट ने न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि तकनीकी दृष्टि से भी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। संयंत्र प्रशासन ने आगे इस प्रकार के प्रशिक्षण और तकनीकी सुधार को नियमित रूप से लागू करने की योजना बनाई है।

भिलाई स्टील प्लांट की इस सफलता से उद्योग जगत में भी ध्यान आकर्षित हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी इन-हाउस मरम्मत तकनीकें भविष्य में संयंत्र के लिए लागत बचत और उत्पादन निरंतरता दोनों सुनिश्चित करेंगी।

कुल मिलाकर, भिलाई स्टील प्लांट ने तकनीकी दक्षता, संगठनात्मक क्षमता और मेहनत के माध्यम से एक जटिल समस्या का समाधान कर कंपनी को लाखों रुपए की बचत दिलाई और उत्पादन को बाधित होने से बचाया। यह मरम्मत कार्य संयंत्र के कर्मचारियों और अधिकारियों की कुशलता का जीवंत प्रमाण है।

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