रायपुर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक डॉक्टर से शेयर बाजार में मुनाफे का झांसा देकर 1.5 करोड़ रुपए की ठगी की गई। खास बात यह है कि इस ठगी को अंजाम एक व्यक्ति ने अकेले नहीं, बल्कि अपनी पत्नी, भाई और बहन के साथ मिलकर दिया। डॉक्टर ने जब पैसे वापस मांगे तो आरोपियों ने न सिर्फ रकम लौटाने से इनकार किया बल्कि उसे यह कहकर चुप कराने की कोशिश की कि वह किसी तरह की कानूनी कार्रवाई न करे।
कैसे हुआ भरोसा, और कैसे हुई ठगी?
शंकर नगर निवासी डॉक्टर बी. बालाकृष्णा, जो कि ‘एडवांस चेस्ट सेंटर’ नाम से क्लिनिक चलाते हैं, उन्होंने वर्ष 2021 में सेल्स टैक्स कॉलोनी निवासी मनोज चावला से पहचान बनाई। मनोज और उसके परिवार का व्यवहार शुरूआत में बेहद सौम्य और भरोसेमंद रहा। इसी भरोसे के चलते डॉक्टर बालाकृष्णा ने अपने क्लिनिक का फार्मेसी और लैब सेक्शन चावला परिवार के हवाले कर दिया।
धीरे-धीरे जब डॉक्टर ने अस्पताल को और बड़ा करने की योजना बनाई, तो उन्हें बड़ी पूंजी की जरूरत पड़ी। इसी दौरान चावला परिवार ने डॉक्टर से कहा कि वे लोग शेयर बाजार और ट्रेडिंग का बिजनेस करते हैं और अगर डॉक्टर पैसा निवेश करेंगे तो अच्छा मुनाफा मिलेगा। मनोज चावला ने वादा किया कि निवेश की गई रकम सुरक्षित रहेगी और रिटर्न भी आकर्षक होगा।
डॉक्टर बालाकृष्णा ने इन बातों पर भरोसा कर, एग्रीमेंट के साथ चावला परिवार को कुल 1 करोड़ 50 लाख रुपए दे दिए।
वादों की हकीकत और फरेब
साल 2022 में जब डॉक्टर ने अपने पैसे लौटाने की मांग की, तो चावला परिवार ने पहले तो निवेश की बात ही नकार दी। बाद में काफी दबाव डालने पर उन्होंने यह मानते हुए एक समझौता किया, जिसमें लिखा गया कि डॉक्टर किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे। पर समझौते के बावजूद न तो पैसे लौटाए गए और न ही किसी तरह का मुनाफा दिया गया।
ठगी से आहत डॉक्टर बालाकृष्णा ने आखिरकार सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए मनोज चावला को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसकी पत्नी खुशबू चावला, भाई चेतन चावला और बहन नैना चावला अभी फरार हैं। पुलिस इनकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है।
स्टॉक मार्केट स्कैम क्या है?
पिछले कुछ वर्षों में शेयर बाजार में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। मोबाइल ऐप्स और सोशल मीडिया की मदद से अब आम आदमी भी शेयर बाजार से जुड़ने लगा है। इसी का फायदा उठाकर ठगों ने एक नया तरीका खोज निकाला है – “स्टॉक मार्केट स्कैम”।
यह स्कैम इस तरह काम करता है:
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फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स के जरिए लोगों को जोड़ा जाता है।
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (व्हाट्सऐप, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम) पर ट्रेडिंग ग्रुप्स बनाकर इनवेस्टमेंट के झूठे लाभ दिखाए जाते हैं।
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“100% गारंटी”, “जीरो लॉस”, “डेली रिटर्न” जैसे लालच दिए जाते हैं।
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कुछ दिनों तक मामूली रिटर्न देकर भरोसा बनाया जाता है।
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जब निवेशक बड़ी रकम लगाता है, तब ऐप बंद या पैसा गायब।
कैसे बचें ऐसे स्कैम से?
साइबर विशेषज्ञ ईशान सिन्हा के अनुसार, निम्न बातों का ध्यान रखें:
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सोशल मीडिया या मैसेजिंग ऐप्स पर मिलने वाले ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट ऑफर्स पर भरोसा न करें।
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केवल सेबी (SEBI) से रजिस्टर्ड ब्रोकर और प्लेटफॉर्म के माध्यम से ही निवेश करें।
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किसी भी अनजान व्यक्ति या समूह को UPI, बैंक ट्रांसफर या कैश के माध्यम से पैसा न भेजें।
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निवेश करने से पहले किसी विश्वसनीय वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।