नवआरक्षक ने फांसी लगाकर दी जान, अनुकंपा नियुक्ति पर था कार्यरत – आत्महत्या का कारण अज्ञात


 

दुर्ग (छत्तीसगढ़): जिले में पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक दुखद घटना सामने आई है, जहां एक नवआरक्षक ने अपने ही घर में फांसी लगाकर जीवन समाप्त कर लिया। मृतक की पहचान 35 वर्षीय सुरेंद्र साहू के रूप में हुई है, जो अनुकंपा नियुक्ति के तहत आरक्षक के पद पर कार्यरत थे। वह न्यू पुलिस लाइन में ड्यूटी पर तैनात थे और अपने परिवार के साथ जीवन बिता रहे थे। बुधवार 6 अगस्त की शाम को सुरेंद्र का शव उनके घर के किचन में पंखे से लटका हुआ मिला।

परिवार और पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, घटना वाले दिन सुरेंद्र दोपहर में अपनी पत्नी को मायके छोड़ने गए थे ताकि वह अपने भाइयों को राखी बाँध सके। दोपहर करीब 2 बजे पत्नी को छोड़ने के बाद उन्होंने उसे 4 बजे फोन करके वापस लाने की बात कही थी। लेकिन जब पत्नी ने निर्धारित समय पर कॉल किया तो कोई उत्तर नहीं मिला। यह देख वह चिंतित हो गई और तुरंत घर पहुंची। घर का दरवाजा खोला तो देखा कि सुरेंद्र ने किचन के पंखे में नायलॉन की रस्सी से फांसी लगा ली थी।

नई रस्सी खरीद कर की आत्महत्या

जांच में यह बात सामने आई है कि सुरेंद्र ने आत्महत्या से कुछ समय पहले बाजार से नई नायलॉन रस्सी खरीदी थी। घर लौटने के बाद उन्होंने उसी रस्सी से फंदा बनाया और अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। जब पत्नी पहुंची तो उन्होंने तुरंत शोर मचाया, जिससे आसपास के लोग इकट्ठा हुए। पुलिस को सूचित किया गया और पद्मनाभपुर थाने की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को नीचे उतारकर पंचनामा कार्रवाई की और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।

अनुकंपा नियुक्ति और अधूरी ट्रेनिंग

सुरेंद्र को यह नौकरी उनके पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर मिली थी। हालांकि, उन्हें अभी तक पुलिस ट्रेनिंग का अवसर नहीं मिल पाया था। बताया जा रहा है कि विभाग की ओर से उन्हें हाल ही में ट्रेनिंग के लिए बुलावा आया था। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके बाद वे मानसिक तनाव में आ गए थे। हालांकि, यह सिर्फ आशंका है और पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

पुलिस कर रही है मामले की जांच

पद्मनाभपुर थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। सुरेंद्र के पास कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उन्हें किन कारणों से इतना मानसिक दबाव था कि उन्होंने ऐसा कदम उठाया।

परिवार में मातम, बहन और पत्नी शोक में

सुरेंद्र के परिवार में उनकी पत्नी और एक छोटी बहन है। इस दुखद घटना से परिवार सदमे में है। पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है और बहन भी गहरे सदमे में है। पड़ोसियों ने बताया कि सुरेंद्र एक शांत स्वभाव के व्यक्ति थे और किसी से भी अधिक मेलजोल नहीं रखते थे।

इस घटना ने पुलिस विभाग और स्थानीय समाज को झकझोर कर रख दिया है। एक जवान अधिकारी, जिसने अभी अपने कर्तव्यों की शुरुआत ही की थी, का इस तरह से जीवन समाप्त करना अनेक सवाल खड़े करता है।

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