रायपुर, छत्तीसगढ़:
राज्य के चर्चित शराब घोटाले मामले में लंबे समय से जेल में बंद कारोबारी अनवर ढेबर के बेटे शोएब ढेबर पर जेल प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए तीन महीने की मुलाकात प्रतिबंध लगा दी है। बुधवार, 6 अगस्त को शोएब ढेबर जेल के नियमों का उल्लंघन करते हुए बिना अनुमति के मुलाकात कक्ष में प्रवेश कर गए थे। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जेल अधीक्षक ने तत्काल कार्रवाई की और स्पष्ट किया कि जेल का अनुशासन सर्वोपरि है।
क्या हुआ था घटना के दिन
जेल अधीक्षक द्वारा जारी आदेश के अनुसार, शोएब ढेबर वकील से मिलने के नाम पर जेल परिसर में पहुंचे थे। परंतु तय प्रक्रिया का पालन किए बिना, उन्होंने जेल अधिकारियों की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए जबरन मुलाकात कक्ष में प्रवेश किया। यह न केवल सुरक्षा मानकों का उल्लंघन था, बल्कि जेल संचालन व्यवस्था में भी गंभीर व्यवधान उत्पन्न हुआ।
जेल अधीक्षक के मुताबिक, यह घटना प्रशासनिक नियमों की अवहेलना है और इससे अन्य बंदियों और आगंतुकों के बीच गलत संदेश जाता है। इस मामले की जांच उप जेल अधीक्षक एम.एन. प्रधान को सौंपी गई थी। जांच में पुष्टि हुई कि शोएब ढेबर ने नियमों का खुला उल्लंघन किया है।
कड़ी कार्रवाई के संकेत
जांच रिपोर्ट के आधार पर जेल प्रशासन ने जेल नियमावली की धारा 690 के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए शोएब ढेबर को तीन महीने तक किसी भी प्रकार की मुलाकात से वंचित कर दिया है। यानी अब शोएब इन तीन महीनों में अपने किसी परिजन, मित्र या अधिवक्ता से मुलाकात नहीं कर सकेंगे।
जेल अधीक्षक ने अपने बयान में कहा, "जेल एक अनुशासित स्थान है, और यहां किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति नियमों को तोड़ने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
भविष्य में और सख्ती के संकेत
जेल प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि आगे कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके विरुद्ध और कठोर कदम उठाए जाएंगे। जेल की सुरक्षा व्यवस्था को किसी भी कीमत पर प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि यदि समय रहते इस तरह की घटनाओं पर नियंत्रण न किया जाए, तो भविष्य में जेल प्रबंधन के सामने और भी बड़ी चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।
शराब घोटाले से जुड़ा है मामला
गौरतलब है कि शोएब ढेबर के पिता अनवर ढेबर छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले मामले में आरोपी हैं और लंबे समय से जेल में बंद हैं। इस मामले में कई प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आए हैं और जांच एजेंसियां इस घोटाले से जुड़ी हर कड़ी को खंगाल रही हैं।
जेल प्रशासन की सख्ती की सराहना
इस कार्रवाई को लेकर जेल प्रशासन की सख्ती की आम तौर पर सराहना की जा रही है। कई जानकारों का मानना है कि प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा नियमों की अवहेलना करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाना आवश्यक है, और यह कदम उसी दिशा में उठाया गया एक ठोस प्रयास है। इससे अन्य लोगों को भी संदेश जाएगा कि नियम सबके लिए एक समान हैं।