छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में शनिवार को रेलवे कोचिंग डिपो में बड़ा हादसा हो गया। वंदे भारत ट्रेन के एक्स्ट्रा कोच की धुलाई और सफाई का कार्य चल रहा था। इस दौरान एक ठेका कर्मचारी प्रताप बर्मन अचानक 133 केवी हाईटेंशन तार की चपेट में आ गया। घटना इतनी गंभीर थी कि प्रताप बुरी तरह झुलस गया और मौके पर ही उसकी हालत बिगड़ गई। तुरंत ही उसे रेलवे अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर पहले सिम्स के बर्न यूनिट और फिर बाद में अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों के अनुसार, प्रताप की हालत नाजुक बनी हुई है।
प्रताप बर्मन जांजगीर-चांपा जिले का रहने वाला है और एक निजी ठेका कंपनी के तहत रेलवे कोचिंग डिपो में कार्यरत था। घटना के समय वह कोच की धुलाई कर रहा था। साथी कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि जिस समय प्रताप ऊपर काम कर रहा था, उसी दौरान अचानक लाइन में करंट प्रवाहित कर दिया गया। सामान्यत: कोच की सफाई के दौरान बिजली सप्लाई बंद कर दी जाती है, लेकिन इस बार बिना सूचना दिए लाइन चालू कर दी गई।
कर्मचारियों का आरोप – अधिकारियों की लापरवाही से हुआ हादसा
घटना के बाद मौके पर मौजूद अन्य कर्मचारियों ने साफ तौर पर कहा कि यह हादसा पूरी तरह से रेलवे अधिकारियों और ठेकेदार की लापरवाही का नतीजा है। साथी कर्मचारी चरणदास ने बताया कि वे लोग वाटर टेस्टिंग का काम कर रहे थे। इस बीच मीणा सर नामक एक रेलवे कर्मचारी ने कहा कि जैमर लग गया है, उसे हटाने के लिए ऊपर जाना होगा। बारिश शुरू होने पर वे नीचे उतर आए, लेकिन मीणा सर ने दोबारा कहा कि पाइप निकालकर जल्दी ले आओ। इसी दौरान प्रताप ऊपर चढ़ा और हाईटेंशन तार की चपेट में आ गया।
चरणदास और अन्य कर्मचारियों का कहना है कि यदि लाइन बंद होती तो यह हादसा नहीं होता। उन्होंने आरोप लगाया कि काम करते समय कर्मचारियों को यह सूचना तक नहीं दी गई कि लाइन चालू है।
दोस्त ने बताया हादसे की पूरी जानकारी
घायल प्रताप के दोस्त अरुण सोनवानी ने बताया कि जब उन्हें फोन पर घटना की सूचना मिली तो वे तुरंत अस्पताल पहुंचे। वहां उन्हें बताया गया कि प्रताप 133 केवी बिजली लाइन की चपेट में आ गया है। अरुण ने कहा कि हर बार सफाई कार्य के समय बिजली सप्लाई बंद कर दी जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया। दरअसल, वंदे भारत ट्रेन आने वाली थी, जिसके चलते सप्लाई चालू कर दी गई थी। मगर कर्मचारियों को इसकी जानकारी नहीं दी गई।
अरुण ने ठेकेदार पर भी लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि यदि समय रहते सूचना दी जाती कि लाइन चालू है, तो प्रताप ऊपर चढ़कर काम ही नहीं करता और हादसा टल सकता था।
रेलवे प्रशासन ने कहा – जांच के बाद होगी कार्रवाई
इस मामले में रेलवे के सीनियर डीसीएम अनुराग सिंह ने कहा कि फिलहाल घायल कर्मचारी के इलाज पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। घटना क्यों हुई और किन परिस्थितियों में लाइन चालू की गई, इसकी जांच के लिए रेलवे सेफ्टी विभाग को निर्देश दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
लापरवाही पर उठ रहे सवाल
यह हादसा रेलवे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़ा करता है। जहां एक ओर रेलवे यात्रियों की सुविधा और हाईटेक ट्रेन संचालन पर जोर दे रहा है, वहीं आंतरिक सुरक्षा मानकों में लापरवाही कर्मचारियों की जान पर भारी पड़ रही है। घटना के बाद कर्मचारियों में आक्रोश है और वे लगातार कह रहे हैं कि जब तक जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती, तब तक ऐसे हादसे दोबारा हो सकते हैं।
प्रताप बर्मन इस समय अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। उसके परिवार और साथी कर्मचारियों को उम्मीद है कि रेलवे प्रशासन लापरवाह अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कठोर कदम उठाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।