रायपुर। ड्रग्स तस्करी का एक चौंकाने वाला मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में उजागर हुआ है, जो न केवल भारत-पाक सीमा के पार फैले नेटवर्क की पोल खोलता है, बल्कि स्थानीय स्तर पर तस्करों की चतुराई और संगठित तरीके से की जा रही गतिविधियों को भी सामने लाता है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान में बैठे अंतरराष्ट्रीय तस्कर ड्रोन की मदद से भारतीय सीमा में ड्रग्स पहुंचा रहे हैं। यह ड्रग्स विशेष पैकेजिंग के जरिए बॉर्डर पार कर भारत आता है और पंजाब के तस्करों द्वारा दोगुने दाम पर देश के अन्य राज्यों में पहुंचाया जाता है। छत्तीसगढ़ में पिछले एक साल से यह नशीली खेप आ रही है और बीते दो माह में ही पंजाब के मुख्य तस्कर लवजीत को 2800 बार पेमेंट किया गया है, जिसकी कुल राशि 1 करोड़ रुपए से अधिक है।
पुलिस ने इस तस्करी नेटवर्क को पकड़ने के लिए एक बेहद गोपनीय और रणनीतिक अभियान चलाया। रायपुर क्राइम ब्रांच को इस नेटवर्क का इनपुट मिला, जिसके बाद दिल्ली से नागपुर तक 11 रेलवे स्टेशनों पर 24 घंटे का एंबुश लगाया गया। पुलिस की टीमें सादी वर्दी में चाय वाला, पानी बेचने वाला बनकर स्टेशन पर तैनात रहीं। लवजीत को पकड़ने के लिए हमसफर एक्सप्रेस में भी जाल बिछाया गया, लेकिन वह भिलाई स्टेशन पर उतर गया और वहां से अपने साथी सुवित के साथ रायपुर पहुंच गया।
क्राइम ब्रांच की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कमल विहार स्थित मकान पर छापा मारा। वहां से लवजीत, सुवित और उनके ड्राइवर अश्वनी को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान इस अंतरराज्यीय नेटवर्क का खुलासा हुआ, जिसमें ड्रग्स की डिलीवरी बेहद चालाकी से की जाती थी।
ड्रग्स की डिलीवरी में थी हाई-टेक प्लानिंग
तस्कर व्हाट्सएप कॉलिंग और वर्चुअल नंबर के जरिए संपर्क में रहते थे। लवजीत नेपाल का सिम इस्तेमाल कर रहा था जबकि सुवित रायपुर में रहते हुए पूरी तरह अंडरग्राउंड था। वे न तो आम कॉल का उपयोग करते थे और न ही किसी एक जगह रुकते थे। पैमेंट ऑनलाइन माध्यम से सुवित के ड्राइवर और अन्य सहयोगियों के खातों में लिया जाता था।
ड्रग्स की खेप चाय के कप, सिगरेट के रैपर, दवा की शीशी, चॉकलेट के रैपर और माचिस की डिब्बी में छिपाकर सप्लाई की जाती थी। ग्राहक से पहले पेमेंट लिया जाता, फिर एक व्यक्ति ड्रग्स लेकर किसी सार्वजनिक स्थान जैसे होटल, गार्डन या बस स्टैंड में पार्सल रख आता। उस स्थान की फोटो और वीडियो बनाकर सुवित को भेजी जाती, जो ग्राहक तक लोकेशन शेयर करता।
इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में नशीली सामग्री, पैकिंग सामग्री, मोबाइल फोन, नेपाल के सिम कार्ड और फर्जी पहचान पत्र जब्त किए हैं। गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ के बाद और भी कई नाम सामने आ रहे हैं, जिनकी धरपकड़ के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
आईजी अमरेश मिश्रा ने बताया कि यह गिरोह ड्रोन, ऑनलाइन पेमेंट और डिजिटल नेटवर्किंग के जरिए काम करता था, जिससे जांच एजेंसियों को गुमराह किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह छत्तीसगढ़ में सक्रिय अब तक का सबसे हाई-टेक ड्रग्स नेटवर्क है।
यह मामला यह भी दर्शाता है कि पाकिस्तान द्वारा नशीले पदार्थों के जरिए भारत में युवाओं को बर्बाद करने की साजिश अब भी जारी है। छत्तीसगढ़ में इस नेटवर्क का सक्रिय होना राज्य पुलिस और एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।