रायपुर शहर के शंकर नगर इलाके में एक नकली पनीर बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। खाद्य विभाग की टीम ने मंगलवार को छापा मारकर इस फूड यूनिट को पकड़ा, जहां बेहद गंदे हालात में पनीर जैसा दिखने वाला उत्पाद तैयार किया जा रहा था। हैरानी की बात यह है कि यह यूनिट एक गंदे नाले के ऊपर चल रही थी और यहां किसी भी प्रकार की सफाई या हाइजीन का ध्यान नहीं रखा गया था।
इस फैक्ट्री में मिल्क पाउडर, सस्ते पाम ऑयल और फैट को मिलाकर ‘एनालॉग चीज़’ बनाया जा रहा था। जांच में भारी मात्रा में मिलावटी चीज़, मिल्क पाउडर, पुराने थर्माकोल कंटेनर और नकली पैकिंग सामग्री जब्त की गई। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस नकली पनीर की सप्लाई रायपुर के साथ-साथ ओडिशा के विभिन्न शहरों में की जा रही थी।
नाले के ऊपर फैक्ट्री, गंदगी के बीच बन रहा था ‘एनालॉग पनीर’
दैनिक भास्कर की टीम जब मौके पर पहुंची तो देखा कि पनीर बनाने की यह यूनिट नाले के ऊपर बनी हुई थी, जहां आस-पास गंदगी का अंबार लगा हुआ था। पाउडर और तेल से तैयार पनीर को खुले में रखा गया था। जिस पानी में यह उत्पाद तैयार किया जा रहा था, उसमें मरी हुई मक्खियां तक तैरती नजर आईं। यह पूरा मामला शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है।
सेकंड हैंड कंटेनर में होता था पैकिंग
इस नकली पनीर को पुराने और सड़े हुए थर्माकोल के कंटेनरों में भरा जा रहा था। आशंका है कि यह कंटेनर पहले मछली स्टोर करने के काम आते थे। इसके बाद इन्हें धोए बिना ही पनीर भरकर पॉलिथीन और डिब्बों में पैक कर बाजारों में भेज दिया जाता था।
संचालक का अजीब तर्क: 'हमने लाइसेंस ले रखा है'
फैक्ट्री संचालक रामानंद बाघ ने अपनी सफाई में कहा कि उसके पास एनालॉग प्रोडक्ट बनाने का लाइसेंस है। उसने दावा किया कि वह अच्छी क्वालिटी का मिल्क पाउडर और पाम ऑयल इस्तेमाल करता है। एक किलो एनालॉग पनीर तैयार करने में उसे करीब 180 रुपए की लागत आती है और इसे 200 से 250 रुपए प्रति किलो तक बेचा जाता है।
हालांकि रामानंद ने यह भी माना कि यह उत्पाद असली दूध से तैयार नहीं किया जाता और फिर भी इसे रेस्टोरेंट, ढाबा और होटलों में 'पनीर' के नाम पर बेचा जाता है। उसने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि जो लोग उससे खरीदते हैं, वही असली पनीर बताकर आगे सप्लाई करते हैं।
एक्सपर्ट की चेतावनी: सेहत के लिए खतरनाक
डायटीशियन नेहा जैन का कहना है कि यह आर्टिफिशियल पनीर दिखने में असली जैसा होता है लेकिन इसका लगातार सेवन हार्ट, लीवर और पाचन तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। इसमें भरपूर मात्रा में सैचुरेटेड फैट होते हैं जो शरीर के लिए विष के समान हैं।
पूरे रायपुर में फैली हैं ऐसी 10 से 15 फैक्ट्रियां
खाद्य विभाग के सूत्रों के अनुसार रायपुर में बीरगांव, सिलतरा, टाटीबंध जैसे इलाकों में 10 से 15 ऐसे प्लांट सक्रिय हैं, जहां टनों में पाउडर और पाम ऑयल का स्टॉक मौजूद है। हजारों किलो नकली पनीर रोजाना तैयार हो रहा है और इसे असली डेयरी प्रोडक्ट के रूप में बेचा जा रहा है।
उपभोक्ताओं के लिए चेतावनी
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खुले में बिकने वाले पनीर से बचें।
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केवल ब्रांडेड और पैक्ड प्रोडक्ट ही खरीदें।
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होटल या ढाबे में पनीर मंगाने से पहले उसकी गुणवत्ता की जानकारी लें।
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किसी भी तरह की शंका होने पर खाद्य विभाग में तुरंत शिकायत करें।
ऐसे पहचानें नकली पनीर
घर पर पनीर की जांच करना आसान है। उसे हाथ में लेकर मसलें। नकली पनीर पाउडर जैसा चूरा बन जाएगा जबकि असली पनीर सॉफ्ट रहता है और टूटता नहीं है।