छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में चोरी की एक बड़ी वारदात सामने आई है। यहां वन विभाग में पदस्थ डिप्टी रेंजर भरत राम धीवर के सरकारी आवास में अज्ञात चोरों ने धावा बोलकर नकदी और जेवरात पर हाथ साफ कर दिया। चोरी की इस घटना में लगभग डेढ़ लाख रुपए के माल के गायब होने की पुष्टि हुई है। यह मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र के फॉरेस्ट कॉलोनी का है।
मिली जानकारी के अनुसार, डिप्टी रेंजर अपने परिवार के साथ रक्षाबंधन का त्योहार मनाने जांजगीर जिले के कोसा गांव गए हुए थे। इस दौरान घर खाली होने का फायदा उठाते हुए चोरों ने वारदात को अंजाम दिया। चोर सामने के मुख्य गेट से प्रवेश करने के बजाय बगल की दीवार फांदकर घर में घुसे, जिससे पड़ोसियों को भनक भी नहीं लगी।
घर में दाखिल होने के बाद चोरों ने सबसे पहले बेडरूम और एक अन्य कमरे का ताला तोड़ा। अलमारी में रखे लगभग 1 लाख रुपए मूल्य के सोने-चांदी के जेवरात और 30 हजार रुपए नकद अपने कब्जे में ले लिए। चोरी के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए।
सोमवार दोपहर जब भरत राम धीवर अपने परिवार के साथ घर लौटे, तब चोरी का पता चला। उन्होंने देखा कि घर के कई ताले टूटे हुए हैं और सामान बिखरा पड़ा है। तुरंत ही उन्होंने सिविल लाइन थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाई।
सूचना मिलने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने घर के आसपास के क्षेत्रों में लगे कैमरों से फुटेज प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू की है, जिससे आरोपियों की पहचान की जा सके। साथ ही हाल ही में जेल से छूटे संदिग्ध व्यक्तियों से भी पूछताछ की जा रही है, ताकि वारदात की कड़ियों को जोड़ा जा सके।
एडिशनल एसपी नीतिश ठाकुर ने बताया कि डिप्टी रेंजर की शिकायत पर मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है और टीम पूरी गंभीरता से जांच में जुटी है। चोरी की वारदात को किसने अंजाम दिया और कितने लोग इसमें शामिल थे, इसका पता लगाने के लिए पुलिस अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है।
स्थानीय निवासियों में इस चोरी की घटना को लेकर चिंता का माहौल है। लोगों का कहना है कि त्योहारों के दौरान कई घर खाली रहते हैं, ऐसे में पुलिस गश्त और सतर्कता को और बढ़ाया जाना चाहिए।
यह घटना न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि चोर किस तरह अवसर का फायदा उठाकर वारदात को अंजाम देते हैं। फिलहाल पुलिस का दावा है कि बहुत जल्द आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा और चोरी गया सामान बरामद कर लिया जाएगा।
संभावित कारण और पुलिस की चुनौतियां
त्योहार के समय लोग अक्सर रिश्तेदारों और गांवों में जाते हैं, जिससे घर खाली हो जाते हैं। चोर इसी बात का फायदा उठाते हैं। ऐसे में पुलिस के लिए चुनौती होती है कि गश्त बढ़ाकर और संदिग्धों पर नजर रखकर ऐसे अपराधों को रोका जाए। इस मामले में भी संभावना जताई जा रही है कि चोरों ने पहले से घर पर नजर रखी हो और मौके की तलाश में रहे हों।
पुलिस अब तकनीकी और पारंपरिक दोनों तरीकों से जांच में जुटी है। मोहल्ले के लोगों से पूछताछ, फुटेज का विश्लेषण और संदिग्धों की सूची तैयार करने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।