रायपुर के उरला थाना क्षेत्र में 5 अगस्त की रात एक मामूली विवाद ने खौफनाक रूप ले लिया। स्कूटी की सीट में बैठने को लेकर शुरू हुई कहासुनी मारपीट में बदल गई और आखिरकार इस घटना में एक युवक की जान चली गई। मृतक और आरोपी सभी एक ही स्टील कंपनी के कर्मचारी थे, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है।
घटना की शुरुआत
जानकारी के मुताबिक, बाजार चौक निवासी राहुल विश्वकर्मा (27) और न्यू राजेंद्र नगर निवासी धीरज साहू (24) दोनों ही उरला के सरोरा स्थित नव दुर्गा इस्पात कंपनी में मजदूरी करते थे। 5 अगस्त की रात करीब सवा 10 बजे दोनों अपने काम से निकलकर बाहर आए। इस दौरान धीरज ने देखा कि उसकी बाइक पर एक अज्ञात युवक बैठा हुआ है। धीरज ने उससे नीचे उतरने के लिए कहा, लेकिन उस युवक ने गाली-गलौज करना शुरू कर दिया।
मामला इतना बढ़ा कि उस युवक ने अपने 2-3 दोस्तों को बुला लिया। फिर चार लोगों ने मिलकर धीरज पर हमला कर दिया। आरोपियों ने हाथ-पांव से मारने के साथ पाइप से भी प्रहार किया, जिससे धीरज के दोनों हाथ, पैर और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आईं।
इलाज के दौरान मौत
घायल धीरज को पहले बीरगांव के एनकेडी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे रायपुर के मेकाहारा अस्पताल रेफर कर दिया गया। धीरज का इलाज जारी था, लेकिन 8 अगस्त को उसने दम तोड़ दिया।
पुलिस की कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने पहले आरोपियों के खिलाफ जानलेवा हमले का मामला दर्ज किया था। धीरज की मौत के बाद धारा को बदलकर हत्या का मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे कैमरों से फुटेज के साथ अन्य तकनीकी साक्ष्यों की जांच की। इसी के आधार पर संजय महतो (22), संतोष महतो (42), राजीव कुमार (42) और पप्पू कुमार यादव (22), सभी निवासी उरला, रायपुर, को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में चारों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने इन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।
क्रांति सेना का प्रदर्शन और मुआवजे की मांग
8 अगस्त को छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने नव दुर्गा इस्पात कंपनी के सामने प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो और मृतक के परिवार को कंपनी प्रबंधन की ओर से उचित मुआवजा दिया जाए। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया और माहौल शांत कराया।
समाज में बढ़ती हिंसा पर चिंता
यह घटना इस बात का उदाहरण है कि कैसे छोटी-सी बहस भी असहिष्णुता और आक्रोश के चलते जानलेवा हो सकती है। एक साधारण सीट छोड़ने के विवाद में चार लोगों ने मिलकर अपने ही साथी कर्मचारी को इतना पीटा कि उसकी जान चली गई। ऐसे मामलों में न केवल कानून का सख्त पालन जरूरी है, बल्कि लोगों में धैर्य और आपसी सम्मान की भावना भी बढ़ाने की आवश्यकता है।
पुलिस की अपील
पुलिस ने अपील की है कि लोग किसी भी विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करें और हिंसा का रास्ता न अपनाएं। साथ ही, अगर किसी भी प्रकार की धमकी या मारपीट की आशंका हो, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें ताकि समय रहते कार्रवाई हो सके।
इस घटना ने न केवल मृतक के परिवार को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है, बल्कि कार्यस्थल की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।