मेडिकल स्टोर्स में छापेमारी: एक दुकान सील, दो को चेतावनी


 

बिलासपुर जिले में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री और बिना लाइसेंस दवाइयां बेचने वालों के खिलाफ प्रशासन सख्त हो गया है। शुक्रवार को कोनी थाना क्षेत्र में स्थित तीन अलग-अलग मेडिकल स्टोर्स पर औचक निरीक्षण किया गया। इस कार्रवाई में प्रशासन की टीम के साथ पुलिस और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के अधिकारी शामिल रहे।

जांच के दौरान आरके मेडिकल स्टोर में भारी लापरवाही पाई गई। अस्पताल के सामने स्थित इस मेडिकल स्टोर में संचालक की गैरमौजूदगी में एक केयरटेकर मौजूद था। जब टीम ने उससे दवाओं की बिक्री से संबंधित जरूरी दस्तावेजों और लाइसेंस की मांग की, तो वह कुछ भी प्रस्तुत नहीं कर सका। दस्तावेज न होने पर औषधि निरीक्षक ने तत्काल दुकान को सील कर दिया।

दो मेडिकल स्टोरों में सब कुछ मिला सही

वहीं, श्री गणेश मेडिकल स्टोर और श्रद्धा मेडिकल स्टोर में जांच के दौरान संचालक दीपक सोनवानी और निशा सिंह मौके पर मौजूद रहे। दोनों ने आवश्यक दस्तावेज समय पर प्रस्तुत किए और जांच टीम को पूरा सहयोग किया। यहां प्रतिबंधित दवाइयां नहीं मिलीं और बिक्री पंजी भी नियमानुसार भरा हुआ था। इस कारण दोनों मेडिकल स्टोरों को प्रशासन ने क्लीन चिट दी, लेकिन उन्हें भी चेतावनी देते हुए सावधानी बरतने की सलाह दी गई।

दुकानदारों को सख्त चेतावनी

इस अभियान के तहत अधिकारियों ने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि बिना डॉक्टर की पर्ची के किसी भी प्रकार की नशीली दवाइयों की बिक्री न की जाए। साथ ही, यह भी कहा गया कि किसी भी मेडिकल स्टोर में प्रतिबंधित दवाएं नहीं पाई जानी चाहिए। यदि किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिकायत सामने आती है, तो संबंधित संचालकों के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।

अभियान का उद्देश्य

प्रशासन का यह अभियान बिलासपुर शहर में बढ़ रही नशीली दवाइयों की अनियंत्रित बिक्री पर रोक लगाने के मकसद से चलाया गया है। अक्सर यह देखा जा रहा है कि कुछ मेडिकल दुकानों से बिना किसी वैध दस्तावेज के नशीली गोलियां व सिरप बेचे जा रहे हैं, जिनका उपयोग नशे के तौर पर किया जाता है।

इन दवाइयों का खासकर युवाओं के बीच दुरुपयोग बढ़ा है, जो नशे की लत में फंसकर अपराध की ओर भी अग्रसर हो सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने शहरभर की मेडिकल दुकानों की बारी-बारी से जांच करने का निर्णय लिया है।

आगे की योजना

औषधि प्रशासन ने बताया कि आने वाले दिनों में शहर के अन्य इलाकों में स्थित मेडिकल स्टोर्स पर भी इसी तरह की छापेमारी की जाएगी। अचानक जांच कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी मेडिकल स्टोर नियमों का उल्लंघन न करे। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ न केवल लाइसेंस रद्द किया जाएगा बल्कि आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

प्रशासन की अपील

प्रशासन ने जनता से भी अपील की है कि यदि कहीं भी संदिग्ध दवाओं की बिक्री या बिना लाइसेंस दुकान चलने की जानकारी मिले, तो तुरंत इसकी सूचना नजदीकी थाना या औषधि विभाग को दी जाए। प्रशासन का कहना है कि ऐसे मामलों में गोपनीयता रखी जाएगी और तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

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