बिलासपुर स्मार्ट सिटी में सौर ऊर्जा से रोशन हो रहा शहर


 

बिलासपुर शहर अब सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियों की ओर बढ़ रहा है। नगर निगम द्वारा शुरू किए गए सोलर प्रोजेक्ट से अब शहर की प्रमुख इमारतों, उद्यानों और सड़कों की रौशनी सौर ऊर्जा से हो रही है। इस पहल से नगर निगम को हर महीने लगभग 10 लाख रुपए की बचत हो रही है। इस स्मार्ट पहल ने बिलासपुर को पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी सशक्त बना दिया है।

नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार के अनुसार, नगर निगम मुख्यालय विकास भवन, स्वर्गीय अशोक पिंगले भवन, सिटी बस डिपो, उद्यान और स्मार्ट रोड की स्ट्रीट लाइटें अब सौर ऊर्जा से संचालित हो रही हैं। यह प्रयास न केवल पर्यावरण के लिए हितकारी है, बल्कि बिजली बिल में भारी कमी भी ला रहा है।

सोलर प्रोजेक्ट से पहले आर्थिक नुकसान

कुछ समय पहले दैनिक भास्कर में एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी, जिसमें बिलासपुर स्मार्ट सिटी के सोलर प्रोजेक्ट के सिक्रोनाइजेशन में हो रही देरी से होने वाले आर्थिक नुकसान का जिक्र किया गया था। इस खबर के बाद नगर निगम ने गंभीरता से इस विषय पर कार्यवाही करते हुए सभी लंबित कार्यों को तेजी से पूरा किया। परिणामस्वरूप, अब कई क्षेत्रों में सौर पैनल पूरी क्षमता के साथ कार्यरत हैं।

कहां-कहां लगाई गई सौर ऊर्जा व्यवस्था

नगर निगम के कार्यपालन अभियंता नीलेश पटेल ने बताया कि श्यामलाल चतुर्वेदी स्मार्ट रोड पर लगभग 200 से अधिक स्ट्रीट लाइटें सौर ऊर्जा से जल रही हैं। इसके लिए 40 किलोवॉट क्षमता का सोलर पैनल लगाया गया है।

इसके अतिरिक्त:

  • सिटी बस डिपो, कोनी में 25 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाया गया है।

  • स्व. अशोक पिंगले भवन में 38 किलोवॉट की सौर ऊर्जा प्रणाली लगाई गई है।

  • विकास भवन, जो नगर निगम का मुख्यालय है, में 9 किलोवॉट की सौर ऊर्जा यूनिट स्थापित है।

  • जतिया तालाब, जो अब सौंदर्यीकृत हो चुका है, वहां उद्यान और लाइटिंग के लिए 75 किलोवॉट के सौर पैनल से ऊर्जा आपूर्ति की जा रही है।

इन सभी स्थानों पर स्थापित सोलर पैनल अब न केवल दिन के समय बिजली की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली ग्रिड में भेजकर राजस्व का स्रोत भी बन सकते हैं।

सिक्रोनाइजेशन का कार्य अभी भी प्रगति पर

हालांकि अभी भी कुछ स्थानों पर सोलर लाइट का सिक्रोनाइजेशन शेष है। नगर निगम का कहना है कि छत्तीसगढ़ स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीएसईबी) की आवश्यक प्रक्रिया पूरी होते ही शेष कार्य भी पूरे कर दिए जाएंगे। इसके बाद बिजली की बचत और भी अधिक बढ़ेगी।

शहर को मिलेगी नई पहचान

बिलासपुर की यह पहल राज्य के अन्य शहरों के लिए एक उदाहरण बन सकती है। सौर ऊर्जा का उपयोग करके एक ओर जहां प्रदूषण को कम किया जा सकता है, वहीं दूसरी ओर बिजली की लागत में भी भारी कटौती की जा सकती है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत इस तरह की परियोजनाएं नगर के नागरिकों को स्वच्छ और सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाती हैं।

Post a Comment

Previous Post Next Post