भिलाई के डीएवी इस्पात स्कूल में पंखा गिरने की घटना से मचा हड़कंप, अभिभावकों ने उठाई सवालों की बौछार


 

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई नगर स्थित सेक्टर-2 में संचालित डीएवी इस्पात पब्लिक स्कूल में एक बेहद चिंताजनक हादसा सामने आया है। गुरुवार, 7 अगस्त को कक्षा के दौरान चौथी कक्षा के एक क्लासरूम में छत से पंखा अचानक टूटकर गिर गया। गनीमत रही कि पंखा छात्र-छात्राओं पर पूरी तरह से नहीं गिरा, वरना बड़ी अनहोनी हो सकती थी। इस घटना में एक छात्रा के हाथ में मामूली खरोंच आई है, जिसे स्कूल प्रशासन ने नजदीकी निजी अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिलवाया।

प्रशासन की तत्परता, लेकिन सवाल खड़े

घटना की जानकारी मिलते ही भट्टी थाना क्षेत्र की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा ने तुरंत मामले को गंभीरता से लेते हुए सहायक संचालक को स्कूल भेजा और प्राथमिक जांच के आदेश दिए। प्रारंभिक तौर पर सामने आया है कि पंखा छत में लगे हुक से अचानक नीचे गिरा। इसके बाद स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

पहले भी हो चुका है हादसा

स्कूल के एक शिक्षक नीतीश नायर ने जानकारी दी कि यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले साल भी इसी स्कूल में छत का प्लास्टर और स्लैब गिरने से एक छात्रा घायल हुई थी। उस समय गर्मियों की छुट्टियों के दौरान स्कूल में मरम्मत का कार्य किया गया था और मरम्मत के बाद भवन का निरीक्षण भी हुआ था। इसके बावजूद यह ताजा घटना स्कूल प्रबंधन और संबंधित विभागों की लापरवाही को उजागर करती है।

अभिभावकों का फूटा गुस्सा

घटना के बाद छात्रों के अभिभावकों और सेक्टर-2 के स्थानीय निवासियों ने स्कूल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय निवासी अभिषेक अवस्थी ने कहा कि स्कूल का भवन कई वर्षों से जर्जर हालत में है और मरम्मत के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

एक अन्य अभिभावक ने कहा, "हर साल फीस बढ़ती है लेकिन स्कूल की हालत नहीं सुधरती। अगर समय रहते भवन की जांच और पंखों जैसे उपकरणों की मरम्मत की जाती, तो इस तरह की घटनाएं नहीं होतीं।"

मांग: हो गहन जांच और जवाबदेही तय

अभिभावकों ने यह भी मांग की है कि केवल कारण बताओ नोटिस देना काफी नहीं है। प्रशासन को तत्काल स्कूल भवन की गहन तकनीकी जांच करानी चाहिए और जिनकी लापरवाही से यह हादसा हुआ, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही स्कूलों में सुरक्षा मानकों की नियमित जांच की व्यवस्था भी लागू की जानी चाहिए।

सवालों के घेरे में शिक्षा व्यवस्था

इस घटना ने स्कूलों में बुनियादी सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब एक प्रतिष्ठित स्कूल में ऐसी घटनाएं हो सकती हैं, तो जिले के अन्य सरकारी और निजी स्कूलों की स्थिति की कल्पना करना कठिन नहीं है। क्या बच्चों को शिक्षा देने वाले संस्थानों में उनकी सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है?

अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं या नहीं।

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