बिलासपुर: प्राथमिक स्कूल में छात्र को लगा करंट, हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, प्रदेशभर के स्कूलों में दो माह के भीतर होगी बिजली सुरक्षा की जांच


 

बिलासपुर जिले के सेंदरी गांव स्थित एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में हाल ही में एक चौंकाने वाला हादसा हुआ, जब एक छात्र को कक्षा के दौरान करंट का तेज झटका लगा। इस हादसे में छात्र झुलस गया, जिसे तत्काल इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। यह घटना न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि न्यायपालिका के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन गई है।

घटना के बाद छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (CSPDCL) की तकनीकी टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। जांच में यह सामने आया कि स्कूल की छत पर बारिश का पानी जमा हो गया था, जिससे दीवारें गीली हो गई थीं। साथ ही, एलटी लाइन (कम वोल्टेज विद्युत तार) स्कूल की दीवार से सटकर जा रही थी। दीवार गीली होने के कारण करंट उसमें प्रवाहित हो रहा था और इसी कारण छात्र करंट की चपेट में आ गया।

CSPDCL अधिकारियों ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद संबंधित विद्युत लाइन को काट दिया गया और खामियों को दूर किया गया। जांच में पाया गया कि इंसुलेटर और वायरिंग में तकनीकी खराबी थी, जिससे यह दुर्घटना हुई। अधिकारियों ने हलफनामा देकर जानकारी दी कि तकनीकी सुधार तुरंत कर दिए गए हैं।

इस घटना पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने स्पष्ट कहा कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता और इस मामले में सख्त कदम उठाना आवश्यक है।

इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इसमें कहा गया कि प्रदेशभर में 45 हजार से अधिक शासकीय स्कूल संचालित हो रहे हैं और इन स्कूलों में कई जगह बिजली के पुराने तार, रिसाव, हाइटेंशन लाइन जैसी समस्याएं पाई जा रही हैं। विभाग ने सभी स्कूलों का व्यापक निरीक्षण कर एक ठोस कार्य योजना तैयार करने के लिए दो महीने का समय मांगा है।

इस निर्देश के तहत राज्य के सभी जिलों में विद्युत विभाग और शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम निरीक्षण करेगी। खासकर उन स्कूलों पर ध्यान दिया जाएगा, जहां छत टपक रही हो, दीवारें गीली रहती हों या फिर खुले में विद्युत तारों का संचालन हो रहा हो। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि विद्युत खामियों की सूची तैयार कर प्राथमिकता के आधार पर सुधार कार्य किया जाए।

हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह मामला बच्चों की जीवन सुरक्षा से जुड़ा है, और इस पर कोई भी लापरवाही भविष्य में गंभीर परिणाम ला सकती है। अदालत ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और सभी स्कूलों को सुरक्षित विद्युत ढांचे से लैस किया जाए।

स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों ने भी प्रशासन से मांग की है कि स्कूल भवनों की नियमित निगरानी और मरम्मत करवाई जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई का माहौल सुरक्षित और अनुकूल बना रहे। इस घटना ने पूरे राज्य में शिक्षा संस्थानों की आधारभूत सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

Post a Comment

Previous Post Next Post