छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत मल्हार महोत्सव इस बार भी संकट में, आयोजन पिछले छह वर्षों से ठप।
मल्हार महोत्सव फिर संकट में, 6 साल से ठप आयोजन:
छत्तीसगढ़ का ऐतिहासिक मल्हार महोत्सव बीते छह वर्षों से ठप पड़ा है। साल 2019 से 2023 तक कोविड-19 के बहाने आयोजन नहीं हो सका। 2024 में सरकार ने आयोजन की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण स्वीकृत राशि समिति तक नहीं पहुंच पाई। इस वर्ष भी 20 लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई, लेकिन अब तक समिति को हस्तांतरित नहीं की गई।
बिलासपुर लोकहित सांस्कृतिक सेवा समिति ने 24 फरवरी 2025 को कलेक्टर को पत्र सौंपकर राशि की मांग की थी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नवंबर 2024 में बजट बढ़ाने की घोषणा की, जिसे संस्कृति एवं राजभाषा विभाग ने 20 जनवरी 2025 को जिला प्रशासन को जारी कर दिया। मगर 10 मार्च 2025 तक फंड ट्रांसफर नहीं हुआ। यदि 31 मार्च 2025 तक राशि नहीं मिली, तो यह लैप्स हो जाएगी और आयोजन फिर अधर में लटक जाएगा।
इस देरी से स्थानीय कलाकार, हस्तशिल्पी और व्यापारी आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। जनता में गहरा आक्रोश है, क्योंकि यह महोत्सव सिर्फ मनोरंजन ही नहीं, बल्कि लोक कलाकारों के लिए जीविका का साधन भी है। प्रशासन से जल्द से जल्द फंड जारी कर आयोजन कराने की मांग की जा रही है। अब सवाल यह है कि क्या मल्हार महोत्सव फिर से जीवंत होगा या एक और साल इंतजार की भेंट चढ़ जाएगा?
