छत्तीसगढ़ में डीजल हुआ 6 रुपए सस्ता, लेकिन आम जनता को नहीं मिलेगा लाभ

छत्तीसगढ़ में डीजल हुआ 6 रुपए सस्ता, लेकिन आम जनता को नहीं मिलेगा लाभ

नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ छत्तीसगढ़ में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव किया गया है। जहां पेट्रोल की कीमत में 1 रुपए प्रति लीटर की कमी हुई है, वहीं डीजल पर वैट घटाने से इसकी कीमत 6 रुपए तक कम हो गई है। हालांकि, यह राहत आम जनता को नहीं मिलेगी, क्योंकि सरकार ने सस्ती दरों पर डीजल खरीदने के लिए कुछ शर्तें लागू की हैं।



पेट्रोल की मामूली राहत पर कांग्रेस का हमला

पेट्रोल पर केवल 1 रुपए प्रति लीटर की कटौती को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि यह राहत ऊंट के मुंह में जीरा जैसी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार राहत देने में भेदभाव कर रही है, क्योंकि डीजल पर 6 रुपए प्रति लीटर की छूट केवल उद्योगपतियों और बड़े उपभोक्ताओं को दी जा रही है।

डीजल पर 6 रुपए सस्ता, लेकिन शर्तों के साथ

सरकार ने डीजल पर वैट 24 प्रतिशत से घटाकर 17 प्रतिशत कर दिया है, जिससे कीमतों में करीब 6 रुपए की कमी आएगी। लेकिन यह छूट सिर्फ उन लोगों को मिलेगी जो एक बार में 12,000 लीटर या उससे अधिक डीजल खरीदेंगे। इसका सीधा लाभ बड़े उद्योगपतियों, ट्रांसपोर्टरों और थोक खरीदारों को मिलेगा, जबकि आम जनता को इसका कोई फायदा नहीं होगा।

विरोध के स्वर

कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले को अन्याय करार दिया है। पार्टी का कहना है कि आम जनता को डीजल पर 24 फीसदी टैक्स देना पड़ रहा है, जबकि बड़े व्यापारियों और कंपनियों को यह सस्ती दरों पर मिल रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार केवल उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रही है और आम आदमी की उपेक्षा कर रही है।

किन्हें मिलेगा सस्ते डीजल का लाभ?

सरकार द्वारा दी गई यह छूट केवल छत्तीसगढ़ स्थित इंडियन ऑयल लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, नायरा एजेंसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड से थोक में डीजल खरीदने वालों को मिलेगी। इससे यह साफ हो जाता है कि इस फैसले से केवल बड़े व्यावसायिक उपभोक्ताओं को लाभ होगा, न कि आम जनता को।

छत्तीसगढ़ में ईंधन की कीमतों में हुए इस बदलाव को लेकर जनता और राजनीतिक दलों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जहां सरकार इसे आर्थिक सुधार बता रही है, वहीं विपक्ष इसे जनविरोधी फैसला करार दे रहा है।



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