6000 करोड़ के महादेव सट्टा केस में भूपेश बघेल आरोपी, पूर्व सीएम ने उठाए तीखे सवाल
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सीबीआई ने 6000 करोड़ रुपये के महादेव बुक सट्टा ऐप घोटाले में आरोपी बनाया है। सीबीआई ने बघेल सहित 19 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें कई अज्ञात पुलिस अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के नाम भी शामिल हैं। इस कार्रवाई के बाद भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
भूपेश बघेल का पलटवार – 'हम डरने वालों में नहीं'
पूर्व सीएम ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "सात साल पुराने केस में, जिसमें मैंने गिरफ्तारी तक दी थी, जब कोर्ट ने मुझे CBI के आरोपों से मुक्त कर दिया, तो अब नया खेल शुरू हो गया है। पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब का प्रभारी बनना कुछ लोगों को खटक रहा है। लेकिन हम डरने और झुकने वालों में से नहीं हैं।"
बघेल ने दावा किया कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है ताकि उन्हें गिरफ्तार किया जा सके। उन्होंने कहा, "मैं न पहले डरा था, न अब डरूंगा। सत्य के मार्ग पर चलते रहेंगे।"
सीबीआई जांच पर उठाए सवाल
पूर्व सीएम ने सीबीआई की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा, "यदि शुभम सोनी के आरोप पर मेरे खिलाफ एफआईआर हो सकती है, तो मैं भी आरोप लगाता हूं कि मोदी-शाह-विष्णुदेव साय के संरक्षण में 'महादेव एप' चल रहा है। क्या सीबीआई इस पर जांच करेगी?" उन्होंने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि ऑनलाइन बैटिंग कानूनी है या नहीं।
तीन राज्यों में 60 ठिकानों पर छापेमारी
सीबीआई ने 26 मार्च को छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में 60 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व सीएम के तत्कालीन सलाहकार विनोद वर्मा, ओएसडी आशीष वर्मा, मनीष बंछोर, आईपीएस अधिकारी आनंद छाबड़ा, अभिषेक पल्लव, आरिफ शेख, प्रशांत अग्रवाल और अन्य के ठिकानों पर छापे मारे गए।
एफआईआर में शामिल नाम
सीबीआई की एफआईआर में प्रमुख रूप से रवि उप्पल, शुभम सोनी, चंद्रभूषण वर्मा, असीम दास, सतीश चंद्राकर, भूपेश बघेल, नीतिश दीवान, सौरभ चंद्राकर सहित अन्य का नाम दर्ज है। इसके अलावा, अज्ञात ब्यूरोक्रेट्स और पुलिस अधिकारियों के नाम भी एफआईआर में शामिल किए गए हैं।
क्या है महादेव बुक सट्टा ऐप घोटाला?
महादेव बुक सट्टा ऐप ऑनलाइन बैटिंग और सट्टेबाजी से जुड़ा एक बड़ा घोटाला माना जा रहा है, जिसमें हजारों करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है। इस मामले में पहले भी कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और जांच एजेंसियां लगातार कार्रवाई कर रही हैं।
अब आगे क्या?
भूपेश बघेल के तीखे हमलों और सीबीआई की जांच के बीच यह मामला और भी गरमाता जा रहा है। आने वाले दिनों में इस केस में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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