छत्तीसगढ़ में मौसम ने करवट ले ली है। गर्मी के तेवर कम होने के साथ ही अब राज्य में प्री-मानसूनी गतिविधियां तेज हो गई हैं। मौसम विभाग ने राज्यभर में 21 मई तक आंधी-बारिश के साथ बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। विभाग ने यलो अलर्ट जारी करते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
रायपुर और दुर्ग में चलेगी तेज हवा
राजधानी रायपुर और दुर्ग जिले में अगले दो से तीन दिनों के दौरान तेज आंधी के साथ बारिश होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार, इन क्षेत्रों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है। खुले स्थानों पर चल रहे निर्माण कार्य, पेड़, बिजली के खंभे और कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।
बस्तर और सरगुजा में बिजली गिरने का खतरा
दक्षिणी और उत्तरी छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा संभागों में आसमानी बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। खासकर कांकेर, दंतेवाड़ा, सुकमा, जगदलपुर, अंबिकापुर, सूरजपुर और बलरामपुर में गर्जन-चमक के साथ भारी बारिश की संभावना है। इन क्षेत्रों में ग्रामीण इलाकों के लोग खेतों या खुले स्थानों पर न जाएं, ऐसी सलाह दी गई है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इन इलाकों में स्थानीय अस्थिरता और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण मौसम में यह बदलाव देखा जा रहा है। बिजली गिरने की घटनाएं पहले भी इन क्षेत्रों में जानलेवा साबित हो चुकी हैं, इसलिए सतर्कता जरूरी है।
तापमान में 5 डिग्री की गिरावट
बीते कुछ दिनों से प्रदेशभर में तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, दुर्ग और राजनांदगांव जैसे क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस कम हो गया है। जहां कुछ दिन पहले तापमान 43-44 डिग्री के आसपास था, वहीं अब यह घटकर 38-39 डिग्री पर पहुंच गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में दिन का तापमान 37-40 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। इससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत जरूर मिलेगी, लेकिन उमस की वजह से discomfort index यानी असहजता बनी रह सकती है।
किसानों को सलाह: सतर्क रहें, बारिश का करें इंतजार
विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे फसलों की कटाई और भंडारण के कार्यों में सावधानी बरतें। बस्तर और सरगुजा में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जिससे कटाई की गई फसलें भीग सकती हैं। खेतों में काम करने वाले किसानों को बिजली गिरने की आशंका को देखते हुए सावधानी बरतने की जरूरत है।
स्कूली बच्चों और बुजुर्गों का रखें विशेष ध्यान
प्रशासन ने जिला अधिकारियों को अलर्ट पर रखा है और सभी नगरीय निकायों को निर्देश दिए हैं कि वे शहरों में जलभराव से निपटने के लिए ड्रेनेज सिस्टम की साफ-सफाई सुनिश्चित करें। आंधी-तूफान के समय स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।
मौसम का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर के मुताबिक, 21 मई तक प्रदेशभर में मौसम ऐसा ही बना रहेगा। कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश भी हो सकती है, खासकर शाम और रात के समय आंधी-तूफान की गतिविधियां तेज हो सकती हैं। मौसम वैज्ञानिक डॉ. एच.पी. चंद्रा ने बताया कि बंगाल की खाड़ी और मध्यप्रदेश से सटे इलाकों में लो-प्रेशर एरिया विकसित हो रहा है, जिससे राज्य में अगले कुछ दिनों तक बादल छाए रहेंगे और गरज-चमक के साथ बारिश की स्थिति बनी रहेगी।
सतर्कता ही सुरक्षा
मौसम विभाग ने जनता से अपील की है कि वे मौसम की पल-पल की जानकारी पर ध्यान दें, बिजली गिरने की चेतावनियों को हल्के में न लें, और आपात स्थिति में तुरंत शरण लें। मोबाइल, टीवी और सरकारी पोर्टलों के माध्यम से अलर्ट प्राप्त करें और सुरक्षित रहें।
छत्तीसगढ़ में मानसून पूर्व यह मौसमी बदलाव राज्य के किसानों के लिए जहां राहत की खबर है, वहीं जनता को इस दौर में सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। अगले दो से तीन दिन मौसम के लिहाज से चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।