भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) के ऑक्सीजन प्लांट-2 में शनिवार को एक व्यापक आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आकस्मिक परिस्थितियों में संयंत्र की तत्परता, विभागीय समन्वय और आपात प्रतिक्रिया तंत्र की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना था।
मॉक ड्रिल की योजना वैधानिक दिशा-निर्देशों और सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुरूप बनाई गई थी। अभ्यास में संयंत्र के कई विभागों ने भाग लिया और एक सजीव आपदा परिस्थिति का अनुकरण किया गया।
मॉक परिदृश्य: आग, रिसाव और त्वरित बचाव
ड्रिल के दौरान यह परिकल्पना की गई कि ऑक्सीजन टैंक-2 से जुड़े पंप नंबर-3 में तकनीकी खराबी (विद्युत फॉल्ट) आ गई है, जिसकी मरम्मत के लिए छह सदस्यीय इलेक्ट्रिकल टीम मौके पर भेजी गई। इसी बीच, पंप नंबर-1 में बेल्ट घर्षण के कारण अचानक आग लग गई। यह आग लिक्विड ऑक्सीजन के रिसाव के चलते और भी तीव्र हो गई, जिससे आस-पास के क्षेत्र में खतरा पैदा हो गया।
घटना के तुरंत बाद अलार्म बजाया गया और इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम सक्रिय हुई। दमकल विभाग ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया, जबकि बचाव टीमों ने प्रभावित कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया। इस पूरे अभ्यास में आपसी तालमेल, संचार व्यवस्था और त्वरित निर्णय क्षमता की व्यापक जांच की गई।
अधिकारियों की निगरानी में हुआ आयोजन
इस मॉक ड्रिल की निगरानी वरिष्ठ अधिकारियों ने की और बाद में सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय बैठक कर अभ्यास के निष्कर्षों पर चर्चा की गई। अधिकारियों ने बताया कि संयंत्र जैसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में इस प्रकार की मॉक ड्रिल न केवल सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने में मदद करती है, बल्कि वास्तविक परिस्थितियों में बेहतर प्रतिक्रिया के लिए टीम को तैयार भी करती है।