रायपुर, 21 जून 2025 — छत्तीसगढ़ में जुलाई से बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ने जा रहा है। राज्य विद्युत वितरण कंपनी (CSPDCL) ने बिजली की दरों में प्रति यूनिट 15 से 20 पैसे तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेजा था, जिसे सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। इसके चलते राज्य के करीब 64 लाख उपभोक्ताओं को औसतन 50 रुपये तक अधिक बिजली बिल चुकाना पड़ सकता है।
बिजली दरों में संभावित बढ़ोतरी की वजह राज्य विद्युत वितरण कंपनी को हो रहा 4,550 करोड़ रुपये का घाटा बताया गया है। इस घाटे की भरपाई के लिए दरों में यह प्रस्तावित वृद्धि जरूरी बताई जा रही है। कंपनी के अनुसार, घरेलू, कृषि और छोटे व्यापारिक उपभोक्ताओं को दी जा रही सब्सिडी के कारण वित्तीय दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
जनसुनवाई के बाद बढ़ोतरी की मंजूरी
इस विषय पर विद्युत नियामक आयोग ने हाल ही में दो दिन की जनसुनवाई का आयोजन किया था, जिसमें विभिन्न संगठनों, उपभोक्ताओं और विशेषज्ञों ने अपनी आपत्तियां और सुझाव रखे। हालांकि आयोग ने बिजली कंपनी की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए दरों में मामूली वृद्धि को मंजूरी दे दी है।
कितना होगा असर?
सीएसपीडीसीएल अधिकारियों के अनुसार, इस प्रस्तावित वृद्धि का असर उपभोक्ताओं पर उनकी खपत के आधार पर होगा। एक सामान्य घरेलू उपभोक्ता, जो प्रतिमाह 100 से 200 यूनिट बिजली की खपत करता है, उसे लगभग 20 से 50 रुपये अतिरिक्त भुगतान करना पड़ सकता है। वहीं, औद्योगिक और बड़े व्यापारिक उपभोक्ताओं पर इसका असर अधिक हो सकता है।
कंपनी की दलील: सब्सिडी का भार
सीएसपीडीसीएल का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी के कारण कंपनी पर वित्तीय दबाव बना हुआ है। घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर बिजली देने से नुकसान लगातार बढ़ रहा है। यदि समय रहते दरों में सुधार नहीं किया गया, तो बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता और नियमितता पर भी असर पड़ सकता है।
उपभोक्ताओं की नाराजगी
बिजली दरों में संभावित वृद्धि को लेकर उपभोक्ताओं में नाराजगी भी देखी जा रही है। उपभोक्ता संगठनों का कहना है कि पहले ही महंगाई से आम जनता परेशान है, ऐसे में बिजली बिल में वृद्धि अतिरिक्त बोझ बन जाएगी। रायपुर निवासी संजीव मिश्रा ने कहा, "हर साल जून-जुलाई में बिजली महंगी हो जाती है। यह आम आदमी की कमर तोड़ने जैसा है। सरकार को विकल्प तलाशना चाहिए।"
पिछली बार भी हुई थी वृद्धि
गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी जून के महीने में विद्युत दरों में वृद्धि की गई थी। उस समय भी बिजली कंपनी ने घाटे का हवाला देते हुए दरें बढ़ाने की मांग की थी। इस बार भी स्थिति कुछ वैसी ही बताई जा रही है, जिससे उपभोक्ताओं को फिर अतिरिक्त बोझ सहना पड़ रहा है।
आगे की राह
बिजली दरों में यह बढ़ोतरी एक जुलाई से प्रभावी हो सकती है। हालांकि, अंतिम आदेश आने तक आयोग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। आयोग द्वारा जल्द ही अधिसूचना जारी की जा सकती है, जिसमें नई दरों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।