कोरबा, छत्तीसगढ़ – कोरबा जिले के सिविल लाइन क्षेत्र में एक 9 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोपी ने रात में बच्ची को उसके घर से उठाकर जंगल में ले जाकर उसके साथ यौन उत्पीड़न किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
*घटना का विवरण*
शुक्रवार रात करीब 1 बजे, आरोपी दशरथ सिदार (19) ने घर में घुसकर बच्ची को उठा लिया, जब वह अपनी बड़ी बहन के साथ सो रही थी। परिवार को जब बच्ची का पता नहीं चला, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने बड़े पैमाने पर खोजबीन की और अगले दिन बच्ची को दादर के जंगल से सुरक्षित बरामद किया। मेडिकल जांच में बच्ची के प्राइवेट पार्ट में चोट के निशान पाए गए, जिससे दुष्कर्म की पुष्टि हुई।
*एक महीने पहले भी हुआ था ऐसा ही अपराध*
पीड़िता की मां एक मजदूर है और अकेले अपने बच्चों का पालन-पोषण कर रही है। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि इस घटना से ठीक एक महीने पहले, उसकी बड़ी बेटी का भी अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। उस मामले में भी आरोपी गिरफ्तार हुआ था और वह जेल में बंद है।
*पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई*
एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि आरोपी को *पॉक्सो एक्ट* और *आईपीसी* की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने पीड़ित परिवार को सुरक्षा और कानूनी सहायता का आश्वासन दिया है।
*सामाजिक संगठनों ने उठाए सवाल*
इस घटना के बाद स्थानीय महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि पहले के मामले में कड़ी सजा मिली होती, तो शायद दूसरी घटना नहीं होती।
*छत्तीसगढ़ सरकार का रुख*
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए पीड़ित परिवार को मुआवजा देने और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा कि *"ऐसे जघन्य अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।"*
*क्या कहता है कानून?*
- *पॉक्सो एक्ट* के तहत नाबालिग के साथ दुष्कर्म पर *उम्रकैद से लेकर मृत्युदंड* तक की सजा का प्रावधान है।
- *आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 363 (अपहरण) और 366 (यौन उत्पीड़न के लिए अपहरण)* के तहत मामला दर्ज किया गया है।
*समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी*
इस घटना ने एक बार फिर समाज और प्रशासन के सामने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाए और ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए।