तीन आरोपी गिरफ्तार, म्यूल अकाउंट की जांच जारी, लूटी गई नकदी और जेवरात बरामद
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में डिजिटल लूट का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें मास्टरमाइंड एक नाबालिग निकला है। पुलिस ने इस मामले में एक नाबालिग समेत कुल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। घटना 19 मई की रात टिकरापारा स्थित बांस डिपो ग्राउंड की है, जहां असगर खान के साथ लूट की वारदात को अंजाम दिया गया।
ऐसे रची गई लूट की साजिश
असगर को उसका ही साथी नकीब पिता सबीर खान सुनसान ग्राउंड में लेकर गया था। वहां पहले से ही नाबालिग मास्टरमाइंड, पिंटू उर्फ हीरेंद्र सिन्हा और भरत बंसोड शराब पीते हुए मौजूद थे। जैसे ही असगर वहां पहुंचा, नकाब लगाए दो युवकों ने चाकू की नोक पर उसे धमकाया और जान से मारने की धमकी देकर सोने की चेन, अंगूठियां, चांदी का कड़ा और जेब में रखे 8 हजार रुपये लूट लिए। यही नहीं, आरोपियों ने असगर के फोन से फोनपे ऐप के जरिए 98 हजार रुपये म्यूल अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए और मौके से फरार हो गए।
साजिश में शामिल था असगर का साथी
घटना के बाद असगर और नकीब ने घर जाकर परिजनों को इसकी जानकारी दी। जांच में जब पुलिस ने गहराई से पूछताछ की तो खुलासा हुआ कि नकीब खुद इस लूट की योजना में शामिल था। पूरी साजिश नाबालिग द्वारा रची गई थी, जिसने असगर के पास पैसे होने की जानकारी पहले ही जुटा ली थी और योजना के तहत उसे सुनसान जगह बुलवाया गया।
फोनपे ट्रांजेक्शन से पकड़ी गई कड़ी
पुलिस ने डिजिटल ट्रांजेक्शन के आधार पर म्यूल अकाउंट की पहचान की और संबंधित बैंक खाते को तत्काल होल्ड करवा दिया। अब उस अकाउंट की जांच की जा रही है कि उसमें और किस-किस की भूमिका रही है। पुलिस ने तीनों आरोपियों से खंजरनुमा चाकू, एक मोटरसाइकिल, लूटी गई नकदी और जेवरात जब्त कर लिए हैं।
पहले से दर्ज हैं मामले
तीनों आरोपी पहले भी विभिन्न थानों में आपराधिक मामलों में लिप्त रहे हैं। इस ताज़ा घटना ने यह साफ कर दिया है कि डिजिटल तकनीक के साथ अब अपराधी भी कदमताल कर रहे हैं और युवा, विशेषकर नाबालिग, इन अपराधों में तेजी से शामिल हो रहे हैं।
जांच जारी
पुलिस अब इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है कि क्या इस गिरोह का कोई बड़ा नेटवर्क है। साथ ही म्यूल अकाउंट और उसमें ट्रांजेक्शन के माध्यम से अन्य पीड़ितों की जानकारी भी जुटाई जा रही है।